स्पेशली हाउस वाइव्स परेशाान हैं

सब्जियों के आसमान छूते रेट के कारण कॉमन पब्लिक और स्पेशली हाउस वाइव्स परेशाान हैं। घर का मंथली बजट बिगड़ गया है। खाने की थाली से दाल-चावल के साथ सब्जियां गायब हो रही हैं। ऐसे में गृहणियां हरी सब्जियों की ऑल्टरनेटिव च्वाइस को भी ट्राई कर रही हैं।

एक कारण हो तो बताएं

अंटा घाट सब्जी मंडी के दुकानदार सियाराम की मानें तो हर साल बारिश के समय सब्जियों की फसल को नुकसान होता है। दूसरे डिस्ट्रिक्ट से सब्जियों की आवक कम हो जाती है। ऐसे में सब्जियों के भाव चढ़ते जाते हैं। वहीं सिकंदर ने बताया कि नासिक से आनेवाले प्याज के रैक में पानी पडऩे के कारण सब्जियां सड़कर बर्बाद हुई हैं इससे प्याज की कमी हो गई है और रेट बढ़ गया है।

पूरे साल पैदा होगा टमाटर

बिहार राज्य बागवानी मिशन के सीनियर हार्टिकल्चर ऑफिसर पीके बेरा ने बताया है कि यह टमाटर का ऑफ सीजन है। इसके कारण टमाटर की सप्लाई मार्केट में कम है, लेकिन डिमांड ज्यादा है। यही कारण है कि अभी रेट बढ़ गए हैं। नेक्स्ट ईयर से पूरे साल टमाटर की फसल लेने के लिए डेवलपमेंटल कमर्शियल हार्टिकल्चर स्कीम के तहत किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए उन्हें 25 परसेंट सब्सिडी भी दी जाती है। नेक्स्ट ईयर से टमाटर का प्रोडक्शन ज्यादा होगा तो रेट भी ज्यादा नहीं बढ़ेंगे।

प्याज व टमाटर महंगे होने से मैं खस या दही की ग्रेवी बना लेती हूं। इतना जरूर है कि पहले जो सब्जियां खुश होकर बनाती थी अब कंजूसी करती हंू।

काजल

बच्चों की जो डिमांड होती है वही बनाना पड़ता है। ऐसे में टमाटर के दाम को देखते हुए फ्रेश टोमैटो सूप की जगह रेडिमेड पैकेटवाला सूप बना लेती हूं।

मधु कुमार

सब्जियों के बगैर तो खाना खाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में दूसरे एक्सपेंसेज में कटौती करनी पड़ती है ताकि किचन ठीक से चल सके।

सोनाली सिन्हा

बढ़ते भाव से अब दोपहर और रात के लिए अलग-अलग सब्जी न बनाकर एक ही बनाती हूं जाहिर है पूरी फैमिली का जायका गड़बड़ा गया है।

ज्योति राठी

पटना मंडी के थोक व खुदरा भाव

सब्जी   थोक भाव प्रति क्विंटल   रिटेल प्रति किलोग्राम

प्याज   2000-2500     30

आलू  780-1000        12

टमाटर 3500-4000      80

करेला 1000-1200       25

भिण्डी 1000-1250       20-24

बन्दागोभी 1600-1800    25

बैंगन गोल 2400-2600    28-30

बैंगन लंबा 2800-3000    35

प्याज और टमाटर के दाम बढ़ गए हैं तो नो ऑनियन और नो गार्लिक खाना बना सकते हैं। यह कम मेहनत में बन जाता है और आसानी से डाइजेस्ट होता है। इसके अलावे प्याज और टमाटर की जगह सब्जी में नींबू रस डाल सकते हैं और ग्रेवी थिक करने के लिए खीरे के छिलके को बॉयल करके पीसकर डाला जा सकता है। इससे ग्रेवी टेस्टी होने के साथ क्रीमी भी होगा। पोस्तादाने पीसकर उसकी भी ग्रेवी बनाई जा सकती है। यह थोड़ा डालने से ज्यादा ग्रेवी बनता है साथ ही बहुत टेस्टी लगता है। इसी तरह हरी सब्जियों की जगह सेरियल्स खाए जा सकते हैं। इससे भी पर्याप्त प्रोटीन मिलता है। राजमा, लोबिया, काले चने, मूंग, बेसन की सब्जी और बड़ी की सब्जी भी बनाई जा सकती है।

शैलेश कुमार, चीफ शेफ, बुद्धा हेरिटेज