-हाईकोर्ट ने दोषी अधिकारियों पर चार महीने के अंदर कार्रवाई का आदेश

PATNA : बिना रजिस्ट्रेशन कराए पटना नगर निगम की गाडि़यों का परिचालन गैरकानूनी है। पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ चार महीने के भीतर कार्रवाई का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने निर्भय प्रशांत की लोकहित याचिका को निष्पादित करते हुए यह आदेश दिया।

चल रही थी 925 गाडि़यां

वर्ष 2019 में पटना नगर निगम की 925 गाडि़यां बिना रजिस्ट्रेशन के चल रही थीं। इस मामले पर अधिवक्ता निर्भय प्रशांत ने एक लोकहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया था कि सरकारी एवं नगर निकाय की गाडि़यां बिना रजिस्ट्रेशन के सड़कों पर चल रही हैं, जिसपर कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 925 गाडि़यों के निबंधन एवं बीमा कराने का आदेश दिया था।

दो करोड़ हुआ खर्च

पटना नगर निगम की इन गाडि़यों के रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस कराने के लिए दो करोड़ रुपए का खर्च भी आया था। उक्त याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मामले को निष्पादित करते हुए यह आदेश दिया कि कोई भी सरकारी गाड़ी बिना रजिस्ट्रेशन के सड़कों पर नहीं चलाई जा सकती। इससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का घाटा हो रहा है।

किसी गाड़ी को छूट नहीं

हाईकोर्ट ने नगर निगम की लापरवाही पर सख्ती बरतते हुए नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया है कि वे चार महीने के अंदर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही करें। कोर्ट ने अपने आदेश में यह साफ कर दिया कि जब मोटर वाहन अधिनियम में कोई गाड़ी को निबंधन से छूट नहीं है तो नगर निगम की गाडि़यां बगैर निबंधन के कैसे सड़कों पर चल सकती हैं। खंडपीठ ने सख्त लहजे में कहा कि बगैर निबंधन के निगम एवं अन्य सरकारी गाडि़यों का परिचालन नहीं किया जा सकता है।