पटना (ब्यूरो)। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विनोद के। चंद्रन को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त करने की अनुशंसा की है। पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल के सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के परिणामस्वरूप यह पद खाली हो गया है। न्यायाधीश चक्रधारी शरण ङ्क्षसह कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश के रूप में नामित हैं। न्यायाधीश के विनोद चंद्रन नवंबर 2011 में नियुक्त हुए थे। वे 24 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। कलेजियम ने पहले जस्टिस के। विनोद चंद्रन को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने का संकल्प लिया था।

पटना-गया-डोभी एनएच के निर्माण का निरीक्षण करेगी टीम

पटना हाइकोर्ट ने पटना -गया- डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के मामले पर सुनवाई की। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश चक्रधारी शरण ङ्क्षसह एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने वकीलों की टीम को निर्माण कार्य का निरीक्षण कर अगली सुनवाई में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने निर्माण कार्य में लगने वाली मशीन एवं मानव संसाधन के संबंध में भी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट द्वारा फेज दो के 39 किलोमीटर से 83 किलोमीटर के बीच सभी प्रकार के अतिक्रमण को तेजी से हटाने का आदेश दिया जा चुका है। वहीं फेज तीन के 83 किलोमीटर से 127 किलोमीटर के बीच के अतिक्रमण को भी हटाने का आदेश दिया जा चुका है। इस मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।

पटना हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही मदरसों की जांच

पटना हाईकोर्ट के आदेश पर अररिया में मदरसों की जांच की जा रही है। इसके लिए जिलाधिकारी ने टीम गठित की है। जिले में 33 मदरसों की जांच के क्रम में बुधवार को सिकटी प्रखंड के दो मदरसों की जांच की गई। जांच टीम में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ- स्थापना) गोङ्क्षवद कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी अजीत कुमार सिन्हा सहित अन्य शामिल थे। जांच के दायरे में फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के आधार पर बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड व शिक्षा विभाग के तहत अनुदान श्रेणी में लाए गए मदरसों को शामिल किया गया है। वर्तमान में अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में बिना प्रस्वीकृति वाले मदरसों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। इसी क्रम में बुधवार को जामिया मदरसा तुल बनात कठवा तथा मदरसा इस्ताहुल निस्वा जामिया रहमानिया दहगामा की जांच की गई। इस दौरान अधिकारियों ने मदरसा से संबंधित कई अभिलेखों का अवलोकन किया। साथ ही कुछ जरूरी अभिलेखों को सुरक्षित रखा। जांच के क्रम में मदरसों का पंजीकरण दस्तावेज, शिक्षकों की संख्या, बच्चों की उपस्थिति, भूमि, भवन, शौचालय, पेयजल, उपस्कर आदि की जांच की गई। साथ ही कई पंजियों का बारीकी से निरीक्षण किया गया। अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की जांच की गई तथा भौतिक सत्यापन ठीक-ठाक रहा। कुछ कमियों को पूरा करने के लिए मदरसा प्रबंधन को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।