-आद्री के वेबिनार 'एंडिंग वायलेंस अगेंस्ट वीमन एंड ग‌र्ल्स' पर जुटे एक्सपर्ट

PATNA: विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में हर 3 में से एक महिला को अपने अंतरंग पार्टनर की हिंसा का सामना करना पड़ता है। कोविड-19 के कारण महिलाओं और बच्चों के सामने चुनौतियां और भी बढ़ गई हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग के आरंभिक आंकड़ों के अनुसार अनिवार्य लॉकडाउन लगाने के समय से पूरे भारत में महिलाओं के साथ हिंसा में असामान्य वृद्धि हो रही है। ये बातें 'एंडिंग वायलेंस अगेंस्ट वीमन एंड ग‌र्ल्स' वेबिनार के दौरान पैनल का संचालन कर रही अस्मिता गुप्ता ने कही।

इसका आयोजन लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर (आइजीसी) और एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) द्वारा किया गया था। उन्होंने महिलाओं के साथ होने वाले अपराध पर वैश्विक आंकड़े पेश किए। इसमें उन पहलूओं को भी रेखांकित किया गया जिसमें महिलाएं हिंसा का शिकार होती है। हालांकि शिक्षित महिलाओं के समाज में इसका असर अपेक्षाकृत कम है।

बाल विवाह की समस्या अभी भी

अनिंदिता सेन और अरिजिता दत्ता ने वेबिनार के दौरान बिहार में बाल विवाह विषय पर अपने शोध के मुख्य बिंदुओं को रखा। इसमें इन दोनों ने बताया कि बिहार में बाल विवाह : असुरक्षा और प्रवास की भूमिका विषय पर कुछ चौंकाने वाले रिजल्ट सामने आए हैं। इसके निष्कर्ष में बताया कि बिहार में यह समस्या सबसे गंभीर है। बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में 43.4 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल के पहले ही कर दी जाती है। बिहार सरकार इस समस्या से वाकिफ है और 2008 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना तथा हाल में कन्या उत्थान योजना जैसी योजनाएं लाकर इस पर कदम उठाए हैं लेकिन समस्या अभी भी मौजूद है।

लैंगिक समानता बढ़ानी होगी

वेबिनार के अगले दौर में केजी सेंथिया ने अपने शोध की विस्तार से चर्चा की जिसका शीर्षक था - किशोरावस्था में लैंगिक रूपांतरण (जेंडर ट्रांसफॉर्मेशन) वाले कार्यक्रम में भागीदारी के दीर्घकालिक प्रभावों का मूल्यांकन : बिहार में युवकों का फॉलो-अप अध्ययन। इस अध्ययन में 13 से 21 वर्ष उम्र वाले लड़कों के लिए 'दो कदम' हस्तक्षेप पर फोकस किया गया था। हस्तक्षेप का लक्ष्य लैंगिक रूपांतरण वाले जीवन कौशलों की पाठ्यचर्याओं का विकास, और पाठ्यचर्या को लागू करने तथा सामुदायिक आयोजनों के लिए हमउम्र मेंटरों का क्षमता निर्माण था। 'दो कदम' हस्तक्षेप का एक्सपोजर हुआ उनमें देर से एक्सपोजर पाने वाले लड़कों की अपना लैंगिक समानता की भावना अधिक थी। आद्री के सदस्य सचिव प्रोफेसर पी पी। घोष ने धन्यवाद ज्ञापन किया।