HAZIPUR : पातेपुर प्रखंड क्षेत्र में एक सप्ताह से अधिक समय से बाढ़ का कहर झेल रहे लोगों की स्थिति दिन-प्रतिदिन ¨चता जनक होती जा रही है। क्षेत्र में भयंकर बाढ़ एवं जल जमाव का दंश झेल रहे लोगों की कोई सुध लेने वाला नहीं है। प्रशासनिक स्तर से प्रभावित क्षेत्रों में ना तो नाव की व्यवस्था की गई है, ना पशु चारे और राहत सामग्री की। इस संबंध में बीडीओ एवं सीओ को आवेदन देकर क्षेत्र में बाढ़ की भयावह स्थिति से अवगत कराने के बाद भी प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। प्रखंड में लगभग दो दर्जन पंचायतें बाढ़ की चपेट में पुरी तरह तबाह हैं। वहीं जबकि आधा दर्जन से अधिक पंचायतें भयंकर जल जमाव से झूझ रहें हैं। इसकी विभीषिका का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लगभग दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय पातेपुर, स्थानीय बाजार, एनएच अठाईस एवं ढोली सकरा रेलवे स्टेशन से भंग हो गया है। सड़कों पर पानी होने के कारण लोगों का आना-जाना बंद है। सैकड़ों परिवार घर छोड़ कर अपने परिवार एवं मवेशियों के साथ ऊंची जगह पर तंबू में रह रहे हैं। इनके सामने भोजन जुटाने के साथ ही पशुओं का चारे के लिए पसीने छूट रहे हैं। प्रखंड में गो¨वदपुर बेला, लदहो, बलिगांव, अगरैल, लेवढण, चकजादो, दरगाह बेला, चांदपुर फतह, सुक्की, डढुआ, बहुआरा, अजीजपुर चांदे, मरुई, तिसिऔता, राघोपुर नरसंडा, बकाढ आदि पंचायतों में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। यहां चारों ओर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। प्रशासनिक स्तर से अभी तक कहीं नाव की व्यवस्था नहीं है। यहां सामुदायिक किचन भी नहीं चल रहा है।

बहसी सैदपुर पंचायत के कई गांवों में महीने भर से जमा है पानी

जंदाहा प्रखंड के बहसी सैदपुर, मुकुंदपुर, कादिलपुर, बहसी दामोदर, शेरपुर आदि गांवों में लगातार बारिश और वाया नदी के बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से लोगों के बीच समस्या उत्पन्न हो गई है। यहां तीन दर्जन से अधिक घरों में पानी घुसा हुआ है। इससे यहां के लोगों के साथ ही मवेशियों के चारे की परेशनी हो रही है। मुखिया मीरा देवी एवं पूर्व मुखिया अर¨वद राय ने पंचायत का भ्रमण कर प्रभावित परिवारों का जायजा लिया है। उन्होंने सीओ और बीडीओ को आवेदन देकर प्रभावित परिवारों को सरकारी स्तर से सहायता मुहैया कराने की मांग की है। वहीं अखिलेश कुमार राय एवं राखी देवी ने भी पंचायत का भ्रमण किया है। बताया गया है कि घरों में पानी प्रवेश कर जाने से प्रभावित परिवार खुले आकाश के नीचे रह रहे हैं। इनके समक्ष खाने-पीने की समस्या के साथ ही मवेशियों के लिए चारे और उन्हें रखने की परेशानी हो रही है।

तेरसिया में गंगा नदी की तेज कटाव से केला बगानों को क्षति

गंगा नदी की बाढ़ से थोड़ी राहत के साथ ही स्थानीय तेरसिया दियारे में कटाव की समस्या उत्पन्न हो गई है। पिछले महीने से गंगा के जलस्तर में भारी वृद्धि के कारण तेरसिया और सरायपुर पंचायतों में भारी तबाही मची थी। सैंकड़ों घरों के डूबने के साथ ही बड़े पैमाने पर फसलों का नुकसान हुआ है। इस बीच बाढ़ में फंसे लोगों ने महात्मा गांधी सेतु रोड पर शरण लिया था। बाढ़ में नाव हादसे के कारण कई जान भी चली गई। हालांकि फिलहाल जलस्तर में कमी के बाद यहां से पानी तो निकल गया है, लेकिन अब नदी का तेज कटाव शुरू हो गया है। कई इलाके में केले के बगान कट कर नदी में समा रहे हैं। इससे किसानों को भारी क्षति हुई है। कटाव का सिलसिला लगातार जारी है। बाढ़ से उबरे किसानों के सामने कठिन समस्या खड़ी है।