पटना (ब्यूरो)। बिहार और झारखंड के एकमात्र कला महाविद्यालय 'पटना आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेजÓ अपनी स्थापना के 85वें वर्ष पूरे करने के बाद भी एक ओर जहां बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। वहीं कॉलेज परिसर में कचरों का ढेर लगा हुआ है। ऐसे में कॉलेज परिसर में बनी कई भगवान बुद्ध की कलाकृर्तियां बर्बाद हो गई या कई उन कचरों की ढेर में दब गई है। कचरे से यहां पढऩे वाले स्टूडेंट्स को परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है।

नाले से निकले कचरे से पाटा ग्राउंड
दरअसल, कॉलेज परिसर में काफी बड़ा ग्राउंड था। हालांकि यह ग्राउंड भी झाडिय़ों से पटा हुआ था। ऐसे में कॉलेज की बाउंड्री से सटे बुद्ध कॉलोनी में चल रहे नाला-सड़क निर्माण कार्य से निकले कचरे को कॉलेज परिसर में डंप कर दिया गया। ऐसे में कॉलेज के छात्रों द्वारा बनाई गई कई कलाकृतियां व बुद्ध की मूर्तियां या तो बर्बाद हो गई या ज्यादा तर उस कचरे के ढेर में दब कर रह गई हैं।

सड़ांध से छात्र परेशान
कॉलेज व छात्रावास में रहने वाले स्टूडेंट कि मानें तो नाले के कचरे से निकलाकर परिसर में फेंके गए सिल्ट से उठने वाली सड़ाध से परिसर में रहना मुश्किल हो गया था। ग्राउंड के सामने छात्रावास होने से यहां रहने वाले स्टूडेंट्स का रहना व खाना दुर्भर हो गया था। वहीं ग्राउंड के बगल में सिरमिक विभाग होने से यहां पढऩे वाले स्टूडेंट व टीचर ने इधर आना छोड़ दिया था।

वर्कशॉप से पहले स्टूडेंट ने कराई सफाई
कॉलेज परिसर में स्थापना दिवस के मौके पर शुरू हुए सिरमिक वर्कशॉप से पहले विभाग के स्टूडेंट ने कलाकृर्तियों के बनाने के लिए कुछ हिस्से से मिट्टी के सिल्ट को हटाकर सफाई कराई। आलम यह है कि उनके द्वारा बनाई गई वर्कशॉप में कृर्तियों को छत पर सुखाने के लिए ले जाना पड़ रहा है।


छात्रों को होती है परेशानी
कॉलेज परिसर में मनमाने तरीके से फेंकी गई कॉलेज की गरिमा पर चोट है। ऐसा कोई अपनी मनमानी कैसे कर सकता है। हमें काफी परेशानी इससे उठानी पड़ रही है।
- निशा कुमारी, स्टूडेंट

हमें अपनी कलाकृतियों को बनाने पर संवारने के लिए खुले स्थान की आवश्यकता पड़ती है। इस तरह नाले का कचरा कॉलेज परिसर में जमा किए जाने से इसकी सड़ांध से बैठना मुश्किल हो गया था।
-सुरुचि कुमारी, स्टूडेंट

अब जाकर राहत मिली है। इसके सड़ांध से कमरे में रहना और खाना दोनों मुश्किल हो गया था। काम करने में भी मन नहीं लग रहा था। ऐसी लापरवाही पर कॉलेज प्रशासन को सख्त कदम उठाना चाहिए था।
भोला, स्टूडेंट

यह शिक्षा का मंदिर है। परिसर स्टूडेंट्स के लिए है जल्द से जल्द कैंपस को खाली कराकर स्टूडेंट के उपयोग के लायक बनाया जाना चाहिए। साथ ही बर्बाद हुई कलाकृर्तियों के लिए संबंधित विभाग पर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।
- दिव्यम, ज्वाइंट सेक्रेटरी, आइसा

कॉलेज में कोई अपने मन से कैसे कचरा फैला सकता है। दरअसल, ग्राउंड बहुत नीचे था। मिट्टी नजदीक में मिलने से इसे यहां गिराया गया है। जल्द ही इसे पाट कर यहां के छात्रों के लिए खेल का मैदान तैयार किया जाएगा। रही बात कलाकृर्तियां बर्बाद होने की तो पहले ही से कई स्टैच्यू टूटे हुए थे।
- अजय कुमार पांडे, प्राचार्य, आर्ट एंड क्राफ्ट महाविद्यालय