पटना (ब्यूरो)। शान और शौक के चक्कर में जान जा रही है क्योंकि पटना समेत पूरे बिहार में हर्ष फायरिंग का ट्रेंड हाई पर है। खुशी के मौके पर हर्ष फायरिंग यानी तमंचे पर डांस जानलेवा है। जिसमें लोगों की मौत होने से लेकर जख्मी होने और तमंचे पर बार बालाओं के डांस का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस करवाई में जुटती है। हालांकि तब तक हादसे की कड़ी पूरी हो चुकी होती है। यह रोकना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। वर्ष 2021 में हर्ष फायरिंग में 16 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों जख्मी हो चुके हैं। इस वर्ष भी खुशी के मौके पर इससे जुड़ी घटनाएं हो रही है। हर्ष फायरिंग से हुई मौत पर चिंता जताते हुए पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र गंगवार ने कहा कि ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सख्त निर्देश दिए गए
एडीजी जितेंद्र गंगवार की मानें तो ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी जिले के एसपी को सख्त निर्देश जारी किया गया है। आदेश में यह साफ-साफ कहा गया है कि ऐसी घटनाओं और हथियारों की नुमाईश करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। जितेंद्र गंगवार ने बताया कि सभी एसपी को आदेश दिया गया है कि सबसे पहले ऐसे लोगों के हथियार जब्त किए जाए और फिर उसे नियामावली के तहत रद करवाने की कार्रवाई हो। लाइसेंस हथियार धारी की सुरक्षा के लिए निर्गत किया जाता है न कि हथियारों की नुमाईश के लिए।

क्या है हर्ष फायरिंग
हर्ष फायरिंग का अंग्रेजी में सेलिब्रिटीज गनफायर कहते हैं। किसी भी खुशी के मौके पर हर्ष फायरिंग आम बात है। अमेरिका जैसे देशों में क्रिसमय और न्यू ईयर पर फायरिंग का चलन है। भारत में अक्सर शादी समारोह के फायरिंग की जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक त्योहार जैसे मौकों पर अचानक चली गोली जब किसी को भी लगती है तो इलाज जल्दी नहीं मिल पाने से उनकी मौत हो जाती है। इसके अलावा इस तरह की फायरिंग में कई घरों को भी नुकसान पहुंचता है।

क्या है सजा का प्रावधान
हर्ष फायरिंग पर दो साल की जेल हर्ष फायरिंग या लाइसेंसी हथियारों के प्रदर्शन से होने वाली मौतों को रोकने के लिए नया कानून बन रहा है। शस्त्र (संशोधन) कानून, 2019 के तहत दो साल की जेल व एक लाख जुर्माने होगा।

बेखौफ कर रहे हर्ष फायरिंग
पटना सीटी एसपी अमरीष राहुल ने कहा कि जिले में हर्ष फायरिंग व आर्केस्टा में तमंचे के प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए थाना पुलिस से लेकर चौकीदार को अलर्ट रहने का निर्देश दिया जा रहा है। ऐसे प्रावधान तोडऩे वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ जनप्रतिनिधियों व आमलोगों से हर्ष फायरिंग व आर्केस्ट्रा में तमंचे के प्रदर्शन की सूचना स्थानीय थाने को देने की अपील की जा रही है। उसके बाद भी लोग बेखौफ होकर हर्ष फायरिंग करते रहे। बुद्धिजीवियों की माने तो हर्ष फायरिंग व तमंचे पर ठुमका समाज के नयी पीढ़ी के लिए चिंता का विषय है। वहीं करवाई पुलिस के लिए चुनौती भरी रहती है।

दोबारा लाइसेंस नहीं मिल सके
भविष्य में भी कोशिश की जाएगी ऐसे लोगों को दोबारा लाइसेंस नहीं मिल सके। बिहार में बढ़ता हर्ष फायरिंग का चलन लोगों की जान लेने पर अमादा है। इन दिनों हर्ष फायरिंग हर्ष फायरिंग में मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। बेवजह हथियारों की नुमाइश के चक्कर में लोग दूसरों की जान ले रहे हैं। बिहार ही नहीं बल्कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब जैसे राज्यों में तो शादियों में जो जितने राउंड गोली चलाता है, वह उतना ही ताकतवर माना जाता है। इसी ताकत के प्रदर्शन में सैकड़ों राउंड गोली चलाना फैशन बन गया है।