पटना (ब्यूरो)। इनफार्मेशन टेक्नोलाजी के नए ट्रेंड के तौर पर सिक्स जी से क्रांतिकारी बदलाव होगा। यह मनुष्य की जीवन शैली और उसके गुणवत्ता से जुड़े पहलूओं में व्यापक बदलाव लाने में सक्षम होगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, घरेलू जरूरतों और डिफेंस सेक्टर में बेहद तेज गति से काम होगा। ये बातों सिक्स जी के एक्सपर्ट लोगों ने शुक्रवार को आईआईटी पटना में सिक्स जी मोबाइल कम्यूनिकेशन विषय पर आयोजित सिम्पोजियम में कही। विशेषज्ञों ने बताया कि यह लोगों की जिंदगी में उन बदलावों को अनुभव कराएगा जो अब तक नहीं हो सका है। इस सिम्पोजियम के दौरान प्रदेश, देश और विदेश के कई विशेषज्ञ मौजूद रहे और अपने अनुभव साझा किये। शुक्रवार को पहले दिन इंटेलिजेंट रिफ्लेक्टिंग सरफेस, रडार एवं एन्टीना टेक्नॉलजी और पोजिशनिंग/लोकलाइजेशन जैसे सिक्स जी के विभिन्न पहलूओं पर चर्चा की गई।

अंतिम पंक्ति के लोग भी जुड़े
सिम्पोजियम में उपस्थित बिहार सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से संबोधित करते हुए संतोष कुमार मल्ल ने विभाग के द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बिहार को सूचना प्रौद्योगिक का केंद्र बनाने की बात कही और 6जी तकनीक का उपयोग कर के समाज के आखिरी पंक्ति में खड़े लोगों के जीवन में सुधार लाने का सुझाव दिया। इससे पहले सभी का स्वागत आईआईटी पटना के डायरेक्टर प्रो। टी। एन। सिंह ने किया। उन्होंने आईआईटी पटना में सिक्स जी से संबंधित हो रहे शोध कार्यों की जानकारी दी। इस कार्यक्रम में दूरसंचार विभाग, भारत सरकार के प्रतिनिधियों का नेतृत्व अब्दुल कयूम (डीडीजी, 6जी विभाग) कर रहे थे। इस दो दिवसीय सिक्स जी मोबाइल कम्युनिकेशन सिंपोजियम में देश-विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों (एन टी यू सिंगापुर, आईआईटी, एनआईटी, आई आई आई टी) के लगभग 150 छात्रों एवं अध्यापकों ने हिस्सा लिया।

प्रोडक्ट निर्माण का दिया सुझाव
कार्यक्रम के संयोजक प्रो। प्रीतम कुमार ने अपने सम्बोधन मे बताया कि इस सिंपोजियम के मुख्य उद्देश्य सिक्स जी तकनीक के प्रारूप, मानक एवं इसके प्रयोग की जरूरतों को समझना है। साथ ही सिक्स जी तकनीक से जुड़ी वैज्ञानिक कठिनाइयों एवं इसके निवारण के लिए संभावित समाधान के बारे में चर्चा करना है। चीफ गेस्ट प्रो। चतुर्वेदी ने भारत में वन जी से सिक्स जी की यात्रा का वर्णन किया और विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं इंजीनियरिंग का उपयोग करके नए-नए प्रोडक्ट का निर्माण करने का सुझाव दिया। इससे व्यवसाय एवं नए उपक्रमों को एक नई दिशा मिलेगी और भारत को वैश्विक स्तर पर भी एक नई पहचान मिलेगी।

डेटा स्पीड बढ़ जाएगी
डॉ। पी। हनुमंतराव ने फाइव जी और सिक्स जी की दिशा में भारत में हो रहे रिसर्च वर्क की जानकारी देते हुए बताया कि सिक्स जी में डाटा ट्रांसमिशन मे यूजर को बिना किसी डिले का अच्छा डाटा ट्रांसफर का अनुभव होगा। साथ ही बहुत अधिक मात्रा में डाटा उत्पन्न होगा। उन्होंने आईआईटी पटना और समीर के बीच साझा शोधकार्यों हेतु एमओयू करने का आश्वासन दिया, जिससे आईआईटी पटना में रिसर्च वर्क को एक नई दिशा मिलेगी। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, आईआईटी पटना के डॉ। अमित कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर संस्थान के कई प्रोफेसर एवं शोध छात्र उपस्थित रहे।

लैपटॉप का यूज बढ़ जाएगा
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, आईआईटी पटना के डॉ। अमित कुमार सिंह ने बताया कि सिक्स जी का रोल उन क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा जिससे रोजमर्जा की जिंदगी आसान हो जाएगी। मसलन, 10 जीबी डाटा ट्रांसफर चंद मिनट में संभव हो जाएगा। लैपटॉप को मोबाइल की तरह यूज होगा। साथ ही लैपटॉप कई उदेश्यों के लिए एक साथ काम में लाया जाएगा। शिक्षा, मनोरंजन सब कुछ आसान होगा।