पटना (ब्यूरो)। सीएम नीतीश कुमार ने फ्राइडे को मुख्यमंत्री आवास में दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया। दो साल के अंतराल के बाद मुख्यमंत्री आवास में दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया गया था। कोरोना की वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा था। इफ्तार के पहले पटना सिटी स्थित मित्तन घाट खानकाह के सज्जादानशीं सैयद शाह शमीमउद्दीन अहमद मुनअमी की तकरीर हुई। उन्होंने कहा कि इबादत इसलिए कि इंसान अपने मानव धर्म को पहचाने। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इफ्तार के पहले सामूहिक दुआ में भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सभी लोग दावत ए इफ्तार में आए। कोरोना के कारण यह आयोजन दो वर्षों से नहीं हो पा रहा था।

इनकी रही मौजूदगी

दावत-ए-इफ्तार में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमां खान, राजद विधान पार्षद डा। रामचंद्र पूर्वे, सांसद, रामकृपाल यादव, विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर, कांग्रेस विधायक, शकील अहमद खान, लोजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी व कई अन्य गण्यमान्य मौजूद थे।

धर्म का सही मतलब इंसानियत है

अपने तकरीर में सज्जादानशीं मुनअमी ने कहा कि हमें यह चाहिए कि हम अपनी इंसानियत को उजागर करें। धर्म का सही मतलब इंसानियत है। मानवता को मजबूत बनाने वाला कर्मकांड मानवीय मूल्य है। जो इसे मजबूत बनाता है वही धर्म है। इस्लाम दूसरे धर्मों को भी महत्व देता है। यह कहा गया है कि रोजा सभी को दिया गया है।