पटना (ब्यूरो)। कोरोना वायरस के केस कम होने के बाद और गुलाबी ठंड के बीच पटना में हार्ट अटैक के मामले अचानक बढ़ गए हैैं.आईजीआईसी में प्रति दिन 80 से 90 मरीज आ रहे हैं। जिसमें से 50 फीसदी लॉन्ग कोविड लक्षण वाले हैं। लॉन्ग कोविड में 40 फीसदी यूथ हैं। बाकी के कोरोनरी आर्टरी डिजीज यानी हार्ट की ब्लड वेसेल्स में थक्का जमने के कारण दिल का दौरा पडऩे के हैं। इन्हें सावधानियां बरतकर काफी हद तक रोका जा सकता है। पटना में अचानक हार्ट के मरीज बढने और इससे बचने को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कई विशेषज्ञ डॉक्टरों से बात की पढि़ए विस्तृत रिपोर्ट।

हृदय रोगी हर 15 दिन में कराएं जांच
आईजीआईसी के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ। संतोष कुमार पांडेय ने बताया कि अत्यधिक ठंड के कारण हृदय के अलावा मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों की धमनियां सिकुड़ती हैं। इससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और रक्त के थक्के बनने लगता है। लोग हार्ट अटैक के शिकार हो जाते हैं। हार्ट अटैक से बचने के लिए हृदय रोगी हर 15 दिनों पर दिल की जांच कराते रहें। और ठंड से बचें।

लॉन्ग कोविड वाले मरीजों की संख्या मेंं इजाफा
-आईजीआईसी के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ। संतोष कुमार पाण्डेय ने बताया कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीज अपने आप को पूरी तरह से स्वस्थ्य मानने लगे हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हे लॉन्ग कोविड के लक्षण है। उन्हें हार्ट अटैक हो रहा है। ज्यादातर मरीजों में सीने में दर्द, धड़कन तेजी से बढऩे, फेफड़े का संक्रमण की वजह से हार्ट अटैक हो रहे हैं। जिसके बाद अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। प्रति दिन 80-90 मरीज हार्ट अटैक के आ रहे हैं। जो कोरोना के पहले 40-45 था।

15 से 40 साल के यूथ हो रहे हैं शिकार
आईजीआईएमएस के कॉडियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ.बीपी सिंह ने बताया कि जनवरी 2022 के बाद से कोरोना के बाद हृदय समस्या लेकर ओपीडी में आए 250 और एडमिट 177 मरीजों पर रिसर्च किया गया। ओपीडी में 25 प्रतिशत मरीज तेज धड़कन, कमजोरी-थकावट, बेचैनी, तनाव आदि की समस्या से पीडि़त थे। वहीं भर्ती हुए 10 प्रतिशत को हंफनी, हृदय का आकार बढऩे से सीने में दर्द आदि की समस्या कोरोना संक्रमण के बाद से बनी हुई थी। अगस्त 2022 के बाद भी थकान, कमजोरी, चलने में परेशानी की समस्या लेकर सैकड़ों मरीज आ रहे हैं। उन्होंने ये भी पहले हार्ट अटैक के 50 साल के उपर वाले को ही हार्ट अटैक होता था। मगर कोरोना के बाद 15 से 40 साल वाले यूथ में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। हार्ट अटैक के मरीजों में 40 फीसदी 15 से 40 साल के यूथ हैं।

नियमित जांच नहीं कराने वाले लोग हो रहे हैं हार्ट अटैक के शिकार

पीएमसीएच के कार्डियोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। अशोक कुमार ने बताया कि ठंड की वजह से हार्ट अटैक के मामले में बढ़ोतरी हुई है। हृदय रोगी मरीज नियमित तौर पर बीपी टेस्ट नहीं कराते हैं। हार्ट अटैक का एक मुख्य कारण बीपी बढऩा भी है। इस मौसम में खून गाढ़ा हो जाता है। और ब्लड को कैरी करने वाली नलिका सिकुड़ जाती है। जिस वजह से लोग हार्ट अटैक के शिकार हो रहे हैं। अस्पताल में प्रति 20 से 25 मरीज हार्ट अटैक के आ रहे हैं। इसमें अधिकांश 15 से 40 उम्र के हैं। इससे बचने के लिए ठंड में से बचना आवश्यक है। और नियमित योग करें।