-सीएम बोले, अफसर विशेषज्ञ संग जाकर जमीनी मुआयना करते हुए इसके विकास पर करें काम

PATNA: अब सूबे में इको-टूरिज्म पॉलिसी लागू करने की तैयारी चल रही है। इसके मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बुधवार को सीएम नीतीश कुमार के समक्ष एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इससे संबंधित प्रेजेंटेशन दिया गया। इसके बाद सीएम ने अफसरों को निर्देश दिया कि इको-टूरिज्म पॉलिसी बनाने में ख्याल रखें कि प्रकृति को किसी प्रकार से नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि इको-टूरिज्म के विकास से प्रदेश में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।

बनेगा कन्वेन्शन सेंटर

सीएम ने कहा कि वाल्मीकिनगर अपने आप में यूनिक जगह है, जहां एक तरफ गंडक नदी है तो दूसरी तरफ वन एवं पहाड़ हैं। यह इको-टूरिज्म का बेहतर स्थल बनेगा। वाल्मीकिनगर के लिए आवागमन सुगम बनाया गया है। मनोरंजन की अन्य गतिविधियों की भी व्यवस्था की जा रही है। एक कन्वेन्शन सेंटर का निर्माण भी कराया जाएगा, जहां कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने में सहूलियत होगी। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार व चंचल कुमार, सचिव अनुपम कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, जबकि वीडियो कान्फ्रेंसिंग से विभागीय मंत्री नीरज कुमार सिंह, पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, पर्यटन सचिव संतोष कुमार मल्ल जुडे़।

विशेषज्ञ संग करें मुआयना

सीएम ने निर्देश दिया कि प्रकृति से सामंजस्य रखते हुए इको-टूरिज्म को बढ़ावा देना है। अफसर विशेषज्ञों के साथ जाकर जमीनी मुआयना करें और वहां की परिस्थिति के हिसाब से व्यावहारिक चीजों पर गौर करते हुए इसके विकास पर काम करें। इससे पहले विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने प्रेजेंटेशन के जरिए इको-टूरिज्म की संभावनाओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कार्ययोजना और क्रियान्वयन की रणनीति के बारे में भी बताया।

सीएम ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर हम लोगों ने कई कदम उठाए हैं। अब इको-टूरिज्म पालिसी बनाई जा रही है। इसका ध्यान रखना है कि प्रकृति को किसी प्रकार से नुकसान न हो। इससे लोगों में पर्यावरण एवं जीव-जंतुओं के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और प्रकृति की हिफाजत भी होगी। जैव विविधता, परंपरागत ज्ञान और विरासत को भी सुरक्षित रखना है। इको-टूरिज्म का प्रबंधन और मेंटेनेंस विभाग द्वारा ही किया जाएगा।