- एक बाइक पर तीन दोस्त थे सवार, स्कूल से लौटते वक्त

- महानगर के सामने कुत्ते को बचाने के चक्कर में हुआ हादसा

- रोड का चौड़ीकरण तो हुआ लेकिन पोल नहीं हटाए गए

बरेली: पीलीभीत बाईपास पर जिंगल बेल स्कूल में छुट्टी होते ही शशांक गंगवार अपने दोस्त कुणाल और नितिन के साथ बाइक से ट्रिपलिंग कर निकला, लेकिन महानगर गेट तक ट्रैफिक पुलिस की नजर इन पर नहीं पड़ी। अगर पुलिस एक्टिव रहती, तो ये ट्रिपलिंग नहीं हो पाती और शायद शशांक की जान बच जाती। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को हॉस्पिटल भेज दिया। एक को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि दूसरे की हालत अभी भी गंभीर है।

10वीं का था स्टूडेंट

बारादरी के संजय नगर के भगवत सरन गंगवार का छोटा बेटा शशांक गंगवार (15) पीलीभीत बाईपास रोड स्थित जिंगल बेल्स स्कूल गया था। छुट्टी के बाद वह स्कूल से 10वीं क्लास के अपने साथी वीर सावरकर नगर के कुणाल जायसवाल और नवादा शेखान के नितिन के साथ बाइक से घर लौट रहा था। महानगर गेट के सामने रोडवेज बस ने उन्हें ओवरटेक किया। इसी बीच बाइक के सामने कुत्ता आ गया। उसे बचाने के चक्कर में बाइक पोल से टकरा गई। बाइक चला रहे शशांक गंगवार की मौके पर मौत हो गई, जबकि कुणाल और नितिन घायल हो गए।

तीन भाइयों में छोटा था शशांक

शशांक अपने भाइयों में सबसे छोटा था। उसके पिता भगवत सरन बड़े बेटे के नाम पर संजय नगर बाईपास पर मशीनरी स्टोर शॉप चलाते हैं। हादसे के समय वह शॉप पर थे।

काश, पेरेंट्स अवेयर रहते

पेरेंट्स बच्चों को स्कूल जाने के लिए बाइक दे रहे हैं। इस पर बच्चे ट्रिपलिंग रहे हैं, जिससे हादसे की आशंका हर समय बनी रहती है। सड़क सुरक्षा सप्ताह के समय इस बात को लेकर अवेयर भी किया जाता है। साथ ही चेकिंग में जब स्कूली बच्चे पकड़े जाते हैं, तो ट्रैफिक पुलिस पेरेंट्स से बात भी करती है। इसके बावजूद अवेयरनेस नहीं बढ़ रही है।

हादसे की सबसे बड़ी वजह पोल

पीलीभीत बाईपास रोड का जिम्मेदारों ने करीब चार वर्ष पहले चौड़ीकरण तो करा दिया था। लेकिन रोड पर एचटी लाइन के जो भी पोल आए उन्हें रोड किनारे शिफ्ट कराने की जगह बीच रोड पर ही छोड़ दिया, जिस कारण आए दिन हादसे होते रहते है। पीलीभीत बाईपास रोड पर लगे पोल से यह कोई पहला हादसा नहीं बल्कि इससे पहले भी कई हादसे हो चुके है।

-स्कूल और कॉलेजों में भी समय-समय पर सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक रूल्स अवेयरनेस कार्यक्रम इसीलिए ही चलाए जाते हैं, ताकि स्टूडेंट्स वाहन का यूज न करें, इसके लिए पैरेंट्स भी खुद जिम्मेदारी समझें।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन

लगातार लोगों को अवेयर किया जा रहा है कि नाबालिगों को वाहन ड्राइव करने को न दें। चेकिंग अभियान के दौरान पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाती है। इसके लिए पैरेंट्स भी ध्यान रखें कि वह बच्चों को वाहन न दें।

सुभाष चन्द्र गंगवार, एसपी ट्रैफिक