- साइकिल चलाने से दिल के साथ दिमाग भी रहेगा तंदुरूस्त

- रखेगा फिर बचाएगा बीमारियों से, सेहत के साथ रुपयों की भी बचत

LUCKNOW: साइकिल एक कमाल की सवारी है। जो हेल्थ से लेकर वेल्थ तक को मजबूत करती है। डॉक्टर्स का मानना है कि हम बचपन में शुरूआत साइकिल से ही करते हैं। अगर सारी उम्र साइकिल का साथ बनाए रखें तो मानसिक तनाव तो कम होगा ही फिटनेस के साथ दवाएं भी नहीं खानी पड़ेंगी। इस प्रकार बड़े काम की है साइकिल। आज हम आपको बता रहे हैं कि साइकिल क्यों चलाएं?

डॉक्टर्स की मानें

डॉक्टर्स की माने तो अगर रोजना आधा घंटा साइकिलिंग करें तो मानसिक तनाव कम हो जाएगा और डायबिटीज भी नियंत्रण में रहेगी। इससे दवाओं पर खर्च होने वाला हजारों रुपए भी बचेगा। डायबिटीज, हार्ट, सहित अन्य बहुत सी बीमारियों के लिए लोगों को दवाएं नहीं खानी पड़ेंगी। यही नहीं जो प्रदूषण आज सबको रुला रहा है उससे भी छुटकारा मिलेगा। साइकिल की मदद से भी हम पर्यावरणीय और अन्य स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं से बच सकते हैं।

आसानी से बर्न होती हैं कैलोरी

डॉक्टर्स के अनुसार साइकिल से आप खेल खेल में आसानी से एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न कर सकते हैं। रिसर्चेज के मुताबिक अगर आपका वेट म्0 किलो और आप फ्0 मिनट में ख्0 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय करते हैं तो आप लगभग भ्00 कैलोरी बर्न करेंगे। अगर आप क्0 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं तो आप लगभग ख्भ्ख् कैलोरी बर्न होंगी। डॉक्टर्स की सलाह है कि अगर आप आफिस जाते हैं तो साइकिल से जाएं।

ओवरआल सोसाइटी का फायदा

केजीएमयू में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रो। वीएसए नारायन ने बताय कि साइकिल से ओवर आल सोसाइटी का फायदा होता है। एनवायर्नमेंट सुधरने के साथ पैसा बहुत बचता है। आर्ट हार्ट डिजीज दूर होती है और एक्सरसाइज करने से वजन घटना है और खून में चिकनाई कम होती है। पेट में हानिकारक फैट कम होता है। दिल की बीमारी नहीं होती है। आप हेल्दी रहते हैं। हार्ट डिजीज नहीं है तो भी सांस भी नहीं फूलती है। साइकिल से लगभग हर प्रकार की एक्सरसाइज आसानी से हो जाती है। सड़क पर साइकिल चला रहे तों ठीक है लेकिन जिम में मौजूद स्टैटिक ठीक नहीं है। इससे घुटनों पर दिक्कत होती है। हार्ट के मरीज स्टैटिक साइकिल अवायड करना चाहिए।

इम्यून सिस्टम व मसल्स बनें स्ट्रांग

स्टडीज के अनुसार साइकिलिंग से आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है जिससे आपको बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। ट्यूमर सेल्स को भी मारने और व अन्य समस्याओं से लड़ने में भी मददगार है। अगर हफ्ते भर हम एक्सरसाइज न करें तो हमारा मस्क्युलर सिस्टम की एक्टीविटी भ्0 परसेंट तक कम हो जाती है। लेकिन अगर आप साइकिलिंग करते हैं तो ज्यादातर मसल्स एक्टिवेट हो जाती हैं। पैर की मसल्स से पैडलिंग होती है। इसके अलावा शरीर का स्केलेटल सिस्टम या हड्डियां भी मजबूत होती है और मूवेबल बनती हैं.यही नहीं साइकिलिंग हमें बैक पेन से भी बचाती है। डॉक्टर्स के मुताबिक साइकिलिंग के दौरान बॉडी का पॉश्चर भी फिट रहता है। साथ ही कार्टिलेज को सपोर्ट मिलने से जोड़ों की समस्या भी ठीक रहती है। रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी से कोलन, ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और पैंकियाटिक कैंसर के साथ ही फेफड़े और एंडोमेट्रियल कैंसर्स को होने से बचाता है। एक प्रकार से कम्पलीट एक्सरसाइज होने के से आपका बॉडी शेप सुधरता है और अट्रैक्टिव बनता है। यह बॉडी वेट कंट्रोल, मस्क्युलर फिटनेस के आधार पर होता है। यह मेटाबोलिक प्रासेस को भी स्टीमुलेट करता है।

बॉक्स बॉक्स बॉक्स

बढ़ जाती है उम्र, रिस्क होता है कम

क्। रेगुलर्ली साइकिलिंग वेट रिड्यूस करता है। साथ ही कैलोरी कन्जम्पशन बढ़ाता है और मेटाबोलिक रेट को भी बढ़ाता है। इससे वेट लॉस होता है।

ख्। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और हाइपरटेंशन के मरीजों में क्0/ 8 द्वद्व॥द्द तक कंट्रोल करता है।

फ्। रेस्टिंग हार्ट रेट को कम करता है। जबकि हाई रेस्टिंग रेट से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से होने वाली मौतों का चांस बढ़ता है। जो हार्ट अटैक से अचानक डेथ का भी कारण होता है।

ब्। अच्छे और खराब कोलेस्ट्राल के रिशयो को भी बढ़ाता है। अगर एलडीएल और एचडीएल का रेशियो हाई है तो आपके ब्लड में बैड कोलेस्ट्राल की मात्रा अधिक है।

भ्। हार्ट डिजीज से बचाता है। रेगुलर साइकिलिंग आपको हार्ट डिजीज होने से भ्0 परसेंट तक रोकता है। एक स्टडी में निकल कर आया कि जो सर्वेट ख्0 मील तक हर हफ्ते साइकिल चलाते है उनमें हार्ट डिजीज भ्0 प्रतिशत तक कम हुई।

म्। साइकिलिंग से स्ट्रोक की समस्या और कोरोनरी हार्ट डिजीज भी कम होती है।

7. डायबिटिीज: एक्सरसाइज से डाइबिटीज मिलाइटिस को भी कम करता है। जो लोग रेगुलर साइकिलिंग करते हैं उनमें ब्लड शुगर लगातार कंट्रोल होता है।

8. कैंसर को देता है मात=फिजिकल एक्टिविटी से बाउल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर में कमी देखी गई है।

9. इससे कोलीसिस्टेक्टॉमी की समस्या कम होती है।

क्0. प्रेगनेंसी के दौरान साइकिलिंग से कार्डियोवैस्क्युलर फिटनेस भी इम्प्रूव होती है और रेगुलर एक्सरसाइज से चाइल्डबर्थ में आसानी होती है।

क्क्। एंजाइटी, डिप्रेशन और स्ट्रेस भी कम होता है।

क्ख्। रेसपीरेटरी मसल्स को फिट रखता है।

क्फ्। मसल स्ट्रेंथ को इम्प्रूव करता है। साइकिलिंग में किसी प्रकार का वेट नहीं रखना पड़ता है और रेगुलर साइकिलिंग से मसल स्ट्रेंथ बढ़ती है।