डैमेज कंट्रोल

लक्ष्मी नगर विधानसभा सीट से पार्टी विधायक विनोद कुमार बिन्नी के बगावती सुर नरम पड़ने से सरकार गठन से पहले ही गलफत में पड़ी 'आप' को राहत मिल गई है. मंत्रियों की सूची में अपना नाम न पाकर बिन्नी के केजरीवाल के घर से नाराज होकर निकलने के बाद आप के बड़े नेता मंगलवार देर रात तक डैमेज कंट्रोल करने में जुटे रहे. इस बीच, आप के संयोजक और दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बिन्नी के नाराज होने की बात गलत है और उन्हें कोई पद नहीं चाहिए.

रात के 1 बजे पहुंचे घर

इससे पहले आप नेता कुमार विश्वास और संजय कुमार मंगलवार देर रात लगभग 1 बजे बिन्नी के घर पहुंचे. तीनों के बीच लगभग 3 घंटे तक बातचीत का दौर चला. जिसके बाद बिन्नी के बगावती सुरों में नरमी के संकेत दिखाई दिए और उन्होंने मीडिया से कहा कि वे पार्टी से नाराज नहीं थे और उनका मंत्रीपद को लेकर कोई मतभेद नहीं है. विश्वास और सिंह ने कहा कि पार्टी में कोई दरार नहीं है, यह सब मीडिया की देन है. यह हमारी नियमित बैठक थी जो अलग-अलग समय पर आयोजित होती रहती हैं.

मामला क्या है

पार्टी में कोई दरार नहीं मंत्री पद को लेकर पार्टी में उठे बागवती सुर पर 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पार्टी में इसको लेकर कोई दरार नहीं है और विनोद कुमार बिन्नी इस मुद्दे को लेकर नाराज नहीं है. उन्होंने कहा कि बिन्नी मंत्री पद को लेकर इच्छुक नहीं है. केजरीवाल ने कहा कि बिन्नी कल शाम मेरे पास आए थे. उन्होंने मुझसे कहा कि वह कोई मंत्री पद नहीं लेना चाहते और जिस मिशन के लिए आए हैं उसे पूरा करना चाहते हैं. केजरीवाल ने कहा कि बिन्नी नाराज नहीं था और उसने इस बात को मीडिया से अवगत भी करवा दिया है.

कोई मांग नहीं थी

मंत्री पद को लेकर विवाद नहीं बिन्नी ने भी बुधवार को मीडिया को सफाई देते हुए कहा कि मंत्रीपद को लेकर उनके और पार्टी के बीच में कोई दरार नहीं है. पार्टी मुझे जो जिम्मेदारी देगी मैं उसे पूरा करूंगा. उन्होंने कहा कि विश्वास और संजय के साथ उनकी बैठक 'नियमित' थी. मैं पार्टी से नाराज नहीं हूं. संजय और कुमार मुझसे मिले और हमने रोजमर्रा के कुछ मुद्दों पर चर्चा की. मंत्री पद न मिलने पर नाराज होने की खबरों का खंडन करते हुए बिन्नी ने कहा कि कोई मांग नहीं थी और मैं कोई पद नहीं चाहता. मुझे जहां जिम्मेदारी दी जाएगी मैं वहां कार्य करूंगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते केजरीवाल को अपने मंत्रिमंडल के चयन का विशेषाधिकार है.

 पार्टी में बगावत

समझौते के तहत संसदीय सचिव के पद की पेशकश पर पूछे जाने पर बिन्नी ने कहा कि कोई सौदा नहीं हुआ. कांग्रेसी पृष्ठभूमि उनके आड़े आने के प्रश्न पर उन्होंने कहा, ये दुर्भाग्यपूर्ण है, यह किसी के साथ भी हो सकता है जो कांग्रेस या भाजपा जैसी पार्टी को छोड़कर किसी अन्य पार्टी में जाए वो भी 'आप' जैसी. नाराज बिन्नी ने कहा था, 'करूंगा बड़ा खुलासा', उल्लेखनीय है कि मंगलवार रात को केजरीवाल सरकार में मंत्री पद को लेकर बगावत हो गई थी. पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति द्वारा मंत्री पद के लिए छह विधायकों के नाम तय किए जाने के बाद बिन्नी नाराज हो गए थे.

बैठक का बहिष्कार

उनका नाम प्रस्तावित सूची में नहीं था, जिसके बाद वह बैठक का बहिष्कार करके बाहर निकल आए. बाहर निकले के बाद उन्होंने कहा था कि वह बुधवार सुबह मीडिया के समक्ष अपनी बात रखेंगे और कोई बड़ा खुलासा करेंगे. बिन्नी ने हालिया चुनाव में कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे एके वालिया को हराया था. वह दो बार पार्षद भी रह चुके हैं. आप के छह संभावित मंत्रियों में सौरभ भारद्वाज, राखी बिरला, सोमनाथ भारती, सत्येंद्र जैन, गिरीश जोशी तथा मनीष सिसोदिया के नाम शामिल है जो केजरीवाल के साथ शपथ लेंगे.

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