RANCHI: राज्य में टीचर बनने के लिए बस टीचर्स ट्रेनिंग संस्थानों में एडमिशन ही काफी होता था। दाखिले के बाद रजिस्टर में अटेंडेंस का रिकार्ड बनता रहता था और कैंडिडेट घर बैठे तैयारी करने के बाद सीधे परीक्षा में अपीयर होता था। परीक्षा पास करने के बाद बीएड आदि की डिग्री के साथ टीचर की उपाधी मिल जाती थी। लेकिन, अब ऐसा नहीं हो पाएगा। घर बैठे टीचर बनने का सपना देखने वालों के लिए दुखद खबर है। राज्य के बीएड, एमएड व डीएलएड जैसे टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने वाले संस्थानों की मनमानी रोकने के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने कठोर कदम उठाते हुए इन संस्थानों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य किया था। लेकिन नियमों को ताक पर रख कई संस्थानों ने अभी तक बायोमेट्रिक मशीन नहीं लगायी है। एनसीटीई की ओर से इस बाबत नोटिस जारी किया गया लेकिन अभी तक कई संस्थानों ने व्यवस्था नहीं की है।

डेडलाइन खत्म, वेबसाइट पर करें अटेंडेंस अपलोड

एनसीटीई ने जारी नोटिस में कहा है कि टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों में शिक्षक व अध्ययनरत विद्यार्थियों के अटेंडेंस पर ध्यान नहीं दिया जाता है। ऐसे में शिक्षकों व विद्यार्थियों का अटेंडेंस सुनिश्चित हो, इसके लिए सभी टीचर्स ट्रेनिंग संस्थानों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लगाया जाये। एनसीटीई ने टीचर्स ट्रेनिंग संस्थानों को नोटिस जारी होने के 30 दिनों के अंदर सिस्टम को लगाने को कहा था जो डेडलाइन खत्म हो चुकी है। एनसीटीई ने अपने नोटिस में यह भी कहा है कि संस्थानों को शिक्षकों व विद्यार्थियों के अटेंडेंस को अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड करना है। एनसीटीई की ओर से तमाम टीचर्स ट्रेनिंग संस्थानों के अटेंडेंस की मॉनिटरिंग की जायेगी।

रद्द होगा एफिलिएशन

एनसीटीई ने अपने नोटिस में सख्ती दिखाते हुए स्पष्ट किया है कि जो संस्थान इसे गंभीरता से नहीं लेंगे, उनकी मान्यता को रदद् किया जायेगा। दरअसल एनसीटीई को इस बात को लेकर कई शिकायतें मिली हैं कि टीचर्स ट्रेनिंग संस्थानों में अटेंडेस को लेकर गंभीरता नहीं बरती जाती है। एनसीटीई ने विशेष रूप में प्राइवेट टीचर्स ट्रेनिंग संस्थानों में अटेंडेंस को लेकर सख्ती बरतने की बात कही है।

प्राइवेट संस्थानों में ज्यादा गड़बड़ी

राज्य में 105 टीचर्स ट्रेनिंग संस्थान हैं, जहां बीएड, एमएड, बीपीएड, डीपीएसइ, डीएलएड, डीपीएड, तीन वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड व चार वर्षीय बीए, बीएससी बीएड कोर्स संचालित हो रहे हैं। इनमें से प्राइवेट संस्थानों की संख्या ज्यादा है। प्राइवेट टीचर्स ट्रेनिंग संस्थानों में सूत्रों के मुताबिक अधिकतर वैसे छात्र आते हैं, जो बिना रेगूलर क्लास किये कोर्स को पूरा करते हैं। ऐसे छात्रों को अटेंडेंस की बाध्यता नहीं रहती हैं। टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों की ओर से इसके अटेंडेंस को मैनेज किया जाता है। अब बायोमेट्रिक सिस्टम के लग जाने के बाद ऐसा करना संभव नहीं हो पायेगा।

राज्य में विभिन्न टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम के संस्थान

संस्थान संख्या

बीएड 137

एमएड 14

बीपीएड 04

डीपीएसइ 01

डीएलएड 100

डीपीएड 01

तीन वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड 01

चार वर्षीय बीए, बीएससी,बीएड कोर्स 03