RANCHI: बिरसा मुंडा जेल परिसर में बन रहे म्यूजियम का काम अब भी पूरा नहीं हो पाया है। इस परिसर को 15 नवंबर को हैंडओवर करने का लक्ष्य था, लेकिन काम की रफ्तार इतनी धीमी है कि इसे अगले साल फरवरी तक भी पूरा करना मुश्किल लग रहा है। अभी यहां लैंड स्केपिंग का पूरा काम बाकी है। इसके अलावा म्यूजियम का काम अभी अधूरा पड़ा है। लाइट-साउंड के काम अधूरे पड़े हैं। बिरसा मुंडा की प्रतिमा का भी सिर्फ फाउंडेशन ही तैयार हो सका है। बिरसा मुंडा की प्रतिमा के अलावा म्यूजियम में रखी जाने वाली दस मूर्तियों का भी निर्माण नहीं किया गया है।

ग्रीन प्रोजेक्ट भी अधर में

जेल परिसर 34 एकड़ में फैला है। खाली स्पेस को लैंड स्पेकिंग कर इस पूरे एरिया को 'ग्रिन' करने का प्रोजेक्ट है। रंग-बिरंगे फूल पौधे लगाए जाएंगे। लेकिन इस दिशा में अबतक कोई काम नहीं हुआ है। एक महीने से जमीन समतल करने का ही काम चल रहा है। वहीं जेल परिसर के बीचों बीच एक मिट्टी की संरचना बनाई जा रही है। इसके बारे में जब पता किया गया तो मौजूद लोगों ने बताया कि मिट्टी की झोपड़ी बनाने का आदेश मिला है। हालांकि, इसके उपयोग को लेकर संशय ही है। नगर विकास विभाग के सचिव लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं, बावजूद इसके काम में तेजी नहीं आ रही है। बुधवार को फिर से समीक्षा की जाएगी।

जनवरी में शुरू हुआ था काम

सर्कुलर रोड स्थित भगवान बिरसा मुंडा जेल परिसर को बिरसा मुंडा म्यूजियम के निर्माण का काम जनवरी में शुरू हुआ था। 30 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की डेडलाइन नवंबर माह थी। 15 नवंबर को इसका उद्घाटन होना था। हालांकि, जेल परिसर को डेवलप करने का काम 2013 से शुरू हुआ था। 42 लाख रुपए खर्च कर इसे चिल्ड्रेन पार्क का रूप दिया गया था। लेकिन 2017 में इसे तोड़ दिया गया। इसके बाद नगर विकास विभाग ने करीब 52 करोड़ रुपए की लागत से बिरसा मुंडा स्मृति पार्क के निर्माण और जेल परिसर के संरक्षण का काम शुरू कराया। इस बार मुख्यमंत्री को यह प्रोजेक्ट पसंद नहीं आया और फिर इसे रोक दिया गया। उन्होंने जेल की दीवारों को हूबहू रखते हुए इसका ब्यूटिफिकेशन का आदेश दिया। इसके लिए 30 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई। सरकारी एजेंसी जुडको की देखरेख में इसके सरंक्षण का काम हो रहा है।