कानपुर। BJP 40th Foundation Day प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के 40 वें स्थापना दिवस पर भाजपा कार्यकर्ताओं से गरीब की मदद करने को कहा। पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं से पांच आग्रह किए जिसमें पहला आग्रह था कि, कोई गरीब भूखा न रहे। मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि वह सुनिश्चित करें कि देश में किसी भी कोने पर कोई गरीब भूखा न रहे।

40 लोगों से दान करने को कहें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, 'हमारी माताओं और बहनों ने अतीत में युद्धों के दौरान अपने आभूषण दिए। मौजूदा स्थिति किसी भी तरह से युद्ध से कम नहीं है। यह मानवता को बचाने की जंग है। मैं प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता से पीएम केयर्स फंड में योगदान करने और 40 अन्य लोगों को इसके लिए प्रेरित करने की अपील करता हूं।'

चेहरा ढककर बाहर जाएं

पीएम मोदी ने आगे कहा, 'हमेशा याद रखें, जब भी आप बाहर जाते हैं तो आपका चेहरा ढंका होना चाहिए, मेरा कहना है कि आपको अपने घरों पर भी अपना चेहरा ढंक कर रखना चाहिए। पूरी दुनिया के लिए आज का मंत्र सामाजिक भेद और अनुशासन है।'

आरोग्य सेतु ऐप करें इंस्टॉल

मोदी ने कहा, 'सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप विकसित किया है। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप लोगों को इसके बारे में बताएं, सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कम से कम 40 अन्य लोग इसे इंस्टॉल करें। वे इसके माध्यम से संभवत: उनके आसपास संक्रमित मामलों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। इन कठिन समय में, हमें यह सुनिश्चित करना होगा।'

कल रात एकजुट हुआ देश

नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा, 'हमने कल रात 9 बजे हमारे देश के 130 करोड़ लोगों की एकजुटता की ताकत का अनुभव किया,। समाज और आयु वर्ग के हर वर्ग के लोगों ने इस एकता का प्रदर्शन किया और कोविड के खिलाफ लड़ाई में संकल्प को मजबूत किया। भारत जैसे बड़े देश में लॉकडाउन के दौरान लोगों ने जो परिपक्वता दिखाई, वह अभूतपूर्व है। किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि लोग इस तरह की आज्ञाकारिता और सेवा की भावना के साथ इसका पालन करेंगे।

कोरोना संकट के बीच स्थापना दिवस

मोदी ने कहा, 'बीजेपी का यह स्थापना दिवस ऐसे समय में आया है जब न केवल देश बल्कि दुनिया भी मुश्किल दौर से गुजर रही है। मानवता संकट का सामना कर रही है, देश की सेवा के लिए हमारी भक्ति इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान हमारा मार्ग बनाती है। भारत के प्रयासों ने कोरोना से निपटने में दुनिया के सामने एक उदाहरण रखा है। भारत उन देशों में से एक है जिसने इस बीमारी की गंभीरता को समझा और इसके खिलाफ समय पर युद्ध छेड़ दिया। भारत ने कई फैसले लिए और उन्हें जमीन पर लागू करने की पूरी कोशिश की।

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