छोटी गाडिय़ां भी रोकी गईं

मंगलवार को भी वही हुआ। बीजेपी ने मंगलवार को विश्वासघात दिवस के रूप में बिहार बंद का ऐलान किया था, पर हुआ वही जो नहीं होना था। बंद सपोर्टर्स का एक ही मकसद था, सबकुछ बंद कराना। राह चलती गाडिय़ां रोक देना। ऑटो को बंद किया ही गया, कई जगहों पर एम्बुलेंस को भी रोक दिया गया। हालांकि बीजेपी पहले से ही ऐलान कर चुका था कि इमरजेंसी सर्विसेज को डिस्टर्ब नहीं किया जाएगा, पर वही किया गया। कई ऑटो वालों को बंद सपोर्टर्स ने पीट दिया, तो कुछ ऑटो वालों की चाभी छीन ली। कई जगहों पर तो लोगों को धमकाकर दुकानें बंद करवाई गई।

784 लोगों की हुई अरेस्टिंग

इस दौरान डाकबंगला चौराहा से लेकर शहर के कई चौक-चौराहे पर बंद सपोर्टर्स अपनी ताकत दिखाते रहे। डाकबंगला चौराहा पर एक्स डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी सहित सैकड़ो बीजेपी लीडर्स को अरेस्ट किया गया। पटना में कुल 784 लोगों को अरेस्ट किया गया, जबकि बिहार में कुल अरेस्टिंग 3227 बताई गई है। पुलिस बंद समर्थकों को गर्दनीबाग स्टेडियम में बने कैम्प जेल में भेजती रही।

खुली, तो कहीं बंद रही दुकानें

पहले से ही बंद का ऐलान होने के कारण कई दुकानदारों ने रिस्क लेना मुनासिब नहीं समझा, जबकि कुछ को जबरदस्ती बंद करवा दिया गया। हालांकि पेट्रोल पम्प खुले रहे। बंद का आंशिक असर रहा। सड़क पर लोग कम दिखे, पर स्थिति भांपने के बाद धीरे-धीरे सड़क पर ट्रैफिक और लोगों की संख्या बढऩे लगी। लोगों को फस्र्ट आवर तक ही परेशानी झेलनी पड़ी।

महिलाएं भी नहीं रही पीछे

बंद में अपनी ताकत दिखाने में महिलाएं भी कम नहीं रहीं। डंडा लेकर इनकम टैक्स और चौराहे से लेकर डाकबंगला चौराहा तक गाडिय़ों को रोकती रहीं। ऑटो से लेकर फोर व्हीलर तक पर डंडा पीटती रहीं। बंद सपोर्टर्स ने यह नहीं सोचा कि उनकी ओर से एक दिन पहले घोषणा की गई थी, वे लोग उसे ही वे तोड़ रहे हैं। दरअसल, कई जगहों पर एम्बुलेंस और पोस्टल डिपार्टमेंट की गाडिय़ां रोकी गईं, यही नहीं उसपर डंडे भी बरसाये गये।

फजीहत होती रही पब्लिक की

बंद के दौरान फस्र्ट आवर तक न तो ऑटो चले और न ही रिक्शा, ऐसे में पब्लिक को पैदल ही दूर-दूर तक का सफर तय करना पड़ा। कुछ ऑटो वालों ने हिम्मत भी जुटाई, तो वे नाहक पिट गए। गल्र्स और लेडीज को बंद के दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

सिटी में भिड़े बंद सपोर्टर्स व विरोधी

दोपहर करीब एक बजे जेडीयू लीडर ईश्वर अग्रवाल के आवास के पास थे कि चौक की तरफ से बीजेपी सपोर्टर्स आ गए और मुख्यमंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। इसके बाद दोनों सपोर्टर्स के बीच भिड़ंत हो गई। झड़प में ईश्वर अग्रवाल, एक्स डिप्टी मेयर संतोष मेहता के साथ कई अन्य लोगों को चोटें भी आई। पहले तो कम फोर्स के कारण पुलिस मूकदर्शक बनी रही। बाद में एसडीओ जयप्रकाश सिंह, सदर डीएसपी मुत्तफिक अहमद के साथ खाजेकलां व आलमगंज थाना के एसएचओ पहुंचे। किसी तरह से मामला शांत हुआ।