-रिम्स में चल रहा था इलाज, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

घटना में माओवादियों का हाथ होने की चर्चा

रांची : खूंटी के मुरहू थानांतर्गत कीताहातू गांव निवासी गणेश मुंडा की रिम्स में इलाज के दौरान मंगलवार की दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे मौत हो गई। रविवार की रात कूड़ापूर्ति में उन पर हमला हुआ था। वे कूड़ापूर्ति के पूर्व पंचायत समिति सदस्य तथा वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के कूड़ापूर्ति पंचायत अध्यक्ष थे। उन्हें रविवार की देर रात इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया था। परिजन एवं कई अन्य लोगों ने रिम्स प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। कूड़ापूर्ति के मुखिया दसई मुंडा व खूंटी जिला भाजपा अध्यक्ष कांसीनाथ महतो ने बताया कि रात में घटना की जानकारी ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा को दी गई थी। उन्होंने अपने पीए को भेजा। इलाज ठीक ढंग से करने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री आवास से भी फोन आया था। इतना कुछ होने के बाद भी इलाज को ले प्रबंधन ने गंभीरता नहीं दिखाई। रात में जमीन पर लिटाकर रखा गया। सुबह में ट्रॉमा सेंटर लाया गया। यदि समय रहते गोली निकाल दी जाती, तो जान बच सकती थी। गणेश का छोटा भाई लक्ष्मण सिंह मुंडा एवं सुरजो हस्सा ने भी इलाज में लापरवाही का आरोप लाया है।

नक्सलियों का हाथ तो नहीं

रिम्स पहुंचे लोगों ने बताया कि घटना को अंजाम देने में एमसीसी का हाथ है। उन्होंने बताया कि बताया कि गणेश सामाजिक कार्यो में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे थे। जनप्रतिनिधि एवं भाजपा से संबद्ध रहने के कारण क्षेत्र में उनकी अलग पहचान थी, इसलिए वे माओवादियों के निशाने पर थे। माओवादी उन्हें पुलिस का मुखबिर मानते थे। सात आठ माह पूर्व भी उनपर माओवादियों ने हमला किया था। तब वह बाल-बाल बच गए थे। गणेश मुंडा ने सीआरपीएफ कैंप में घुसकर जान बचाई थी। रविवार की रात वे घर से निकले थे। वे अभी बैचलर थे। पड़ोस के कुछ बच्चों के साथ खेल रहे थे। इस बीच चार-पांच की संख्या में माओवादी पहुंचे एवं उन पर गोलियां दाग दी। शव का पोस्टमार्टम बुधवार को किया जाएगा।