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स्लग: भाजपा के लोहरदगा कोषाध्यक्ष पंकज गुप्ता के मर्डर मामले में 6 संदिग्धों का बना स्केच

-शूटरों की तलाश में जुटी पुलिस, बोलेरो को भी ढूंढा जा रहा

RANCHI(12 March): रांची के पिस्कानगड़ी में भाजपा के लोहरदगा जिला कोषाध्यक्ष पंकज कुमार गुप्ता हत्याकांड में पुलिस तीन बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। इनमें पुलिस पहले जमीन विवाद, दूसरा रंजिश और तीसरा राजनीति से प्रेरित मामला मान रही है। पुलिस इस बात का भी पता लगा रही है कि भाजपा में पंकज गुप्ता के पार्टी में रहने से किसे तकलीफ थी। एक बात कही जा रही है कि लोहरदगा में पंकज गुप्ता बहुत तेजी से उभर रहे थे। गौरतलब हो कि रविवार सुबह 8.30 बजे भाजपा के लोहरदगा जिला कोषाध्यक्ष पंकज गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शूटर्स पंकज को पिस्का स्टेशन के पास रामलाल स्वीट्स के सामने गोली मारकर फरार हो गए थे। सोमवार को सीआईडी की टीम नगड़ी पहुंची और वहां मौजूद लोगों का बयान ली। इस दौरान पुलिस इस बात का ध्यान रख रही थी कि अलग-अलग लोगों के बयानों में अंतर तो नहीं है।

पैतृक संपत्ति भी हो सकती है वजह

पंकज कुमार गुप्ता को जिस तरह से गोली मारी गई है। इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि उनकी हत्या साजिश के तहत की गई है। अभी तक जांच में जो मामला सामने आया है, उसके मुताबिक, पंकज कुमार गुप्ता की लोहरदगा जिले में काफी पैतृक संपत्ति है। पुलिस यह भी छानबीन कर रही है कि संपत्ति विवाद को लेकर कहीं उनका अपने ही गोतिया आदि से रंजिश तो नहीं चल रहा था।

मर्डर के वक्त छह लोग मौजूद थे

जिस वक्त पंकज कुमार गुप्ता चाय पीने के लिए खड़े थे। उस वक्त सीसीटीवी फुटेज में एक दो नहीं, बल्कि छह लोग मौजूद थे। कुछ लोग बोलेरो गाड़ी में भी थे। पुलिस ने सोमवार को नगड़ी की चार डिसमिल जमीन के मामले में तहकीकात की। इस दौरान पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला। पंकज कुमार ट्रेन से उतरते थे और रामलाल स्वीट्स के पास जाकर चाय वगैरह पीते थे। उनसे मिलने के लिए लोग वहीं आते थे। पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है आखिर पंकज कुमार गुप्ता ट्रेन से ही क्यों आए? यह भी संदेह पैदा करता है।

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लोहरदगा से रेकी, होटल में पहचान, फिर किया मर्डर

इस हत्याकांड से पर्दा उठाने में लगे पुलिस अधिकारी का कहना है कि पंकज कुमार गुप्ता की सुपारी देकर हत्या की गई है। पंकज कुमार गुप्ता की गतिविधियों की जानकारी, वह कब रांची जा रहे हैं, कैसे जा रहे हैं, इन सबके बारे में पहले रेकी की गई। इसके बाद पंकज कुमार गुप्ता की पहचान कराई गई। फिर पंकज कुमार गुप्ता के होटल में पहुंचने से पूर्व ही अपराधियों का दल चाय वगैरह पी रहा था। जब पंकज कुमार गुप्ता वहां पहुंचे तो पहले उन्हें देखा गया, फिर इशारे से शूटरों को बुलाया गया। फिर धायं-धायं आवाज की चार गोलियां चली और पंकज कुमार गुप्ता वहीं जमीन पर ढेर हो गए।

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नगड़ी, नचियातू, रातू बना क्रिमिनल्स का बसेरा

नगड़ी, नचियातू और रातू के इलाके में अपराधियों ने अपना घर बना लिया है। वे लोग यहां किराएदार बनकर रहते हैं और अपराध की घटना को अंजाम देकर अपने-अपने ठिकानों पर चले जाते हैं। पुलिस सड़कों पर उनकी तलाश करती रह जाती है।