आगरा। भाजपा के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों की लड़ाई आखिरकार न्यायालय के दरबाजे तक पहुंच गई। मंगलवार को भाजपा नेता मधुसूदन शर्मा को सीजेएम कोर्ट से छह जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया। अब आगे की सुनवाई छह जुलाई को होगी।

ये था मामला

भाजपा के कोषाध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने दिसम्बर 2015 में भाजपा के महानगर उपाध्यक्ष मधुसूदन शर्मा के खिलाफ 420 और 406 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इसी के तहत न्यू आगरा पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश की। तारीख पर हाजिर न होने पर कोर्ट द्वारा मधुसूदन शर्मा के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए गए। इसके बाद गैर जमानती वारंट जारी कर दिए गए। इसके बाद इन्होंने कोर्ट में निगरानी याचिका दाखिल की। कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। इसके बाद भाजपा नेता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, लेकिन वहां से भी कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद पुलिस धारा-82 के तहत भाजपा नेता के खिलाफ अरेस्टिंग वारंट ले आई। मंगलवार को भाजपा नेता ने सीजेएम कोर्ट में सरेन्डर कर दिया। यहां उन्हें जेल भेज दिया गया। अब जमानत के लिए अगली सुनवाई छह जुलाई को होगी।

लेनदेन को लेकर हुआ विवाद

दोनों भाजपा नेताओं के बीच रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। इसमें भाजपा नेता अशोक अग्रवाल का कहना था कि मधुसूदन शर्मा पर उनके एक करोड़ 70 लाख 39 हजार रुपये बकाया था। इस पर मधुसूदन शर्मा ने तीन जुलाई 2015 को भाजपा कोषाध्यक्ष के नाम 44 लाख 49 हजार का एक प्लॉट नाम कर दिया। इसके बाद अन्य प्लाटों को भी नाम करने का भरोसा दिया, लेकिन कोई प्लॉट नाम नहीं किया। इसके बाद उनको चेक दिए गए, जिसमें एक 47 लाख 90 हजार रुपये का दूसरा 80 लाख रुपये का लेकिन दोनों चेक बाउंस हो गए। वहीं मधूसूदन शर्मा ने आरोप को गलत बताया था।