RANCHI: झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों के लिए क्ख् जून को चुनाव होना है। इसकी घोषणा हो गई है। एक सीट एमजे अकबर और दूसरी धीरज साहू वाली खाली हो रही है। भाजपा दोनों सीटों पर कब्जा जमाने की जुगत में है। झारखंड भाजपा के नेताओं की जोरदार मांग है कि प्रदेश के नेताओं को ही राज्यसभा भेजा जाए, किसी बाहरी को नहीं।

बाहरी का फार्मूला फेल

भाजपा से एमजे अकबर पिछले साल उपचुनाव में झारखंड से राज्यसभा भेजे गए थे। उन्होंने यहां के नेताओं व कार्यकर्ताओं को खास महत्व नहीं दिया। गिनती के कुछ-एक बार झारखंड आए। इस बार भी वे यहां से राज्यसभा जाने की कोशिश में हैं। लेकिन, पार्टी के अंदर इसको लेकर विरोध है। यहां भले इस मुद्दे पर कोई मुखर विरोध अभी तक नहीं हुआ है। लेकिन पार्टी नेता व कार्यकर्ता यह कहने से नहीं चूक रहे हैं कि प्रदेश से ही किसी को राज्यसभा भेजा जाए।

प्रदेश के नेता देंगे अच्छे परिणाम

भाजपा नेता सांवरमल अग्रवाल कहते हैं कि प्रदेश का व्यक्ति राज्य सभा का सदस्य बनता है, तो जाहिर तौर पर कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा। पार्टी और प्रदेश, दोनों के हित में यही होगा कि प्रदेश का ही नेता राज्य सभा में भेजा जाए। झारखंड भाजपा की उपाध्यक्ष सीमा शर्मा भी कहती हैं कि स्थानीय नेता राज्य सभा में पहुंचे तो बेहतर परिणाम आएंगे।

अर्जुन मुंडा के नाम की चर्चा (बॉक्स)

झारखंड में दो सीट में से एक सीट पर भाजपा की जीत की गारंटी है। दूसरी सीट का गुणा-भाग आसान नहीं है। विपक्ष की रणनीति पर सारा कुछ निर्भर करता है। साथ ही कुछ निर्दलीय विधायकों की भी जरूरत पड़ेगी। राज्य के प्रमुख नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के नाम की भी चर्चा है। उन्हें पार्टी राज्यसभा भेज सकती है। राजनीतिक कारणों से सीएम रघुवर दास भी चाहेंगे कि अर्जुन मुंडा केंद्रीय राजनीति में चले जाएं। पर सब कुछ पार्टी के आलाकमान पर निर्भर करता है। प्रदेश के नेताओं में इसको लेकर काफी मंथन चल रहा है। पार्टी के ज्यादातर नेता चाहते हैं कि प्रदेश का ही कोई नेता राज्यसभा जाए। इससे पार्टी नेताओं में उत्साह बढ़ेगा।