नई दिल्ली (एएनआई)। भाजपा ने एक बार फिर से ऑक्सीजन मामले में दिल्ली सरकार को घेरा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त ऑडिट पैनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दिल्‍ली सरकार ने जरूरत से चार गुना ज्‍यादा ऑक्‍सीजन की डिमांड की थी। पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की आपूर्ति का राजनीतिकरण किया जब कोरोना वायरस अपने चरम पर था। यह इतनी क्षुद्र राजनीति है। उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जघन्य अपराध और आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाया।

रिपोर्ट में ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी द्वारा पेश किए गए आंकड़े चौंकाने वाले

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सुप्रीम रिपोर्ट में ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी द्वारा पेश किए गए आंकड़े चौंकाने वाले हैं। दिल्‍ली सरकार ने जरूरत से चार गुना ज्‍यादा ऑक्‍सीजन की डिमांड की थी। अगर इस ऑक्सीजन का इस्तेमाल दूसरे राज्यों में होता तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी। यह अरविंद केजरीवाल जी द्वारा किया गया जघन्य अपराध है। उन्होंने आगे कहा कि यह कोई छोटी बात नहीं है और दिल्ली सीएम केजरीवाल को लोगों को जवाब देना होगा। सुप्रीम कोर्ट की ऑक्सीजन ऑडिट टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा, दिल्ली सरकार ने 25 अप्रैल से 10 मई के दौरान शहर के लिए जरूरत से चार गुना ज्‍यादा ऑक्‍सीजन की डिमांड की थी।

दिल्ली सरकार की मांग से 12 राज्यों में ऑक्सीजन सप्‍लाई प्रभावित हुई

दिल्ली को उसकी मांग के अनुरुप ऑक्सीजन दिए जाने से 12 राज्यों में सप्‍लाई प्रभावित हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में बेड कैपेसिटी के हिसाब से 289 मीट्रिक टन ऑक्‍सीजन की आवश्यकता थी, जबकि दिल्ली सरकार ने 1,140 एमटी ऑक्‍सीजन की मांग की थी। यह खपत से लगभग चार गुना अधिक थी। दिल्ली में ऑक्सीजन की औसत खपत 284 से 372 मीट्रिक टन के बीच थी। एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व में पैनल में दिल्ली सरकार के प्रधान गृह सचिव भूपिंदर भल्ला, मैक्स हेल्थकेयर के निदेशक डॉ संदीप बुद्धिराजा और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध यादव शामिल थे।

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