घर पर आये बीजेपी सांसद
कुमार ने बताया है कि इस बारे में बात करने के लिए 19 मई को बीजेपी सांसद उनसे मिलने के लिए घर आए थे. इस बात की जानकारी कुमार ने केजरीवाल को भी दी थी. कुमार के मुताबिक लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के तीन दिन के बाद उनके एक दोस्त और बीजेपी सांसद उनसे घर पर मुलाकात करने आए थे. हालांकि उन्होंने इस सांसद का नाम नहीं बताया है. कुमार के इस दावे पर गुस्साई बीजेपी ने भी अब कुमार पर उल्टा सवाल उठाना शुरू कर दिया है. बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव आरपी सिंह ने कहा है कि वह इतने दिनों चुप क्यों थे? उन्होंने अब तक उस सांसद का नाम क्यों नहीं बताया है. सिंह ने कहा कि कुमार दिल्ली के वोटर तक नहीं हैं ऐसे में उनका खुलासा विश्वास करने से परे है. सिंह ने कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि अमेठी से वह बडे़ बेआबरू होकर घर लौटे हैं.

दिल्ली में बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी
इस बड़े खुलासे के बाद दिल्ली का राजनीतिक पारा एक बार फिर से चरम पर पहुंच सकता है. गौरतलब है कि कुछ ही दिनों में SC में दिल्ली सरकार के गठन को लेकर आप की याचिका पर सुनवाई होनी है. माना जा रहा है कि इस सुनवाई में कोर्ट में कुछ न कुछ जरूर तय हो जाएगा. इससे पहले ही कुमार का यह खुलासा जरूर रंग दिखाएगा. इसके अलावा शुक्रवार को आप नेता योगेंद्र यादव ने भी बीजेपी पर आरोप लगाया था कि वह सरकार बनाने के लिए आप विधायकों को लालच दे रही है.

खरीद-फरोख्त का सिलसिला शुरू
मालूम हो कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के इस्तीफा देने के बाद से राष्ट्रपति शासन लागू है, लेकिन विधानसभा अभी भंग नहीं की गई है. यानी सरकार बनाने की संभावना के विकल्प अभी बंद नहीं हुये हैं. लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली में कई बार फिर से सरकार बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. इस दौरान सभी पार्टियां एक-दूसरे पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही हैं. आपको बता दें कि दिल्ली में विस की कुल 70 सीटें हैं. बीजेपी के 3 विधायकों के सांसद बनने के बाद सदन की संख्या अभी 67 है. इसमें बीजेपी गठबंधन के 29, आप के 27, कांग्रेस के 8 और अन्य 3 विधायक शामिल हैं.

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