- सजायाफ्ता मुजरिम ने झूठा शपथ पत्र देकर करवाया बार कौंसिल में रजिस्ट्रेशन

- डीजीपी से की शिकायत, सिविल लाइंस थाने में दर्ज हुई एफआईआर

ALLAHABAD:

रायबरेली के सजायाफ्ता मुजरिम कृष्णपाल सिंह ने काले कोट के लिए यूपी बार कौंसिल में झूठा हलफनामा देकर रजिस्ट्रेशन करवा लिया। हत्या के मामले में सजा पा चुके कृष्णपाल पर 60 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं और वह रायबरेली का हिस्ट्रीशीटर भी है। काले कारनामे के उजागर होने के बाद लखनऊ के एक शख्स ने डीजीपी से कंप्लेन की। डीजीपी के आदेश पर कृष्णपाल सिंह के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में फ्राड का मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

डिस्ट्रिक्ट बार में भी रजिस्ट्रेशन

कृष्णपाल सिंह ने यूपी बार कौंसिल में रजिस्ट्रेशन के बाद रायबरेली के डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन की मेंबरशिप भी हासिल कर ली। उसके खिलाफ कंप्लेन की है लखनऊ के गोसांइगंज के सुनील कुमार सिंह लोधी ने। सुनील के मुताबिक कृष्णपाल के हिस्ट्रीशीटर भाई भारत सिंह व पत्‍‌नी आशा सिंह, मौसी सीता सिंह ने भी बार कौंसिल में फर्जी हलफनामा दाखिल करने में मदद की। कृष्णपाल को 21 अगस्त 1999 को रायबरेली से आजीवन कारावास की सजा हो गई है। इस मामले में वह हाईकोर्ट से जमानत पर है। हलफनामे में इन तथ्यों को छिपा लिया गया।

कई जिलों में हैं मुकदमे

सुनील का कहना है कि कृष्णपाल के खिलाफ रायबरेली के साथ ही लखनऊ व उन्नाव में 60 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसमें हत्या, हत्या का प्रयास, रेप, लूट, डकैती, एनडीपीएस व गैंगस्टर के मुकदमे भी शामिल हैं। उनके परिवार पर भी कृष्णपाल छह मई 2014 को हमला करवा चुका है जिसमें सास जानकी सिंह की मौत हो गई थी जबकि साले शिव प्रताप सिंह को महीनों हॉस्पिटल में बिताना पड़ा था। कहा कि फर्जी हलफनामे की शिकायत उन्होंने सिविल लाइंस थाने में की थी लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। बाद में उन्होंने डीजीपी ऑफिस में शिकायत की जिस पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी हुआ। सुनील ने अपने परिवार की सुरक्षा की भी मांग की है।