मेरा नाम मिस मैरी है। मैंने आज फेसबुक पर तुम्हारा प्रोफाइल देखा। मैं तुम्हारे साथ एक सीरियस रिलेशनशिप करना चाहती हूं। अगर तुम भी इंट्रेस्टेड हो तो मेरी मेल आईडी पर कांटेक्ट करो मैं अपने बारे में पर्सनल डिटेल और पिक्चर्स मेल पर भेज दूंगीतुम भी भेजोबस फिर हम लोगों की दोस्ती हो जाएगी। आजकल सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर फेक आईडी बनाकर इस तरह के मैसेजेज भेजे जा रहे हैं। मैसेज के माध्यम से लोगों को शिकार बना रहे हैं. 
और वो फंस गया जाल में
पिछले दिनों सिटी में एक बिजनेसमैन इस तरह के फेक मैसेज का शिकार हो गया। इस तरह के फेक मैसेजेज से क्लोज फ्रेंडशिप का सिलसिला शुरू करने के बाद इस गैंग को ऑपरेट करने वाले ने उनकी पर्सनल डिटेल हैक कर ली। इसके बाद पर्सनल मेल आईडी पर बिजनेसमैन द्वारा भेजे गए कुछ आपत्तिजनक ई-मेल के आधार पर उनको ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। बदनामी के डर से इनके चंगुल में फंसे ज्यादातर लोग कम्पलेन भी नहीं कराते हैं। लेकिन आकाश ने इसकी कम्पलेन पुलिस से की। पुलिस आईटी एक्सपर्ट की मदद से मामले की जांच कर रही है.
फंसाने के लिए डालते हैं ‘दाना’
आईटी एक्सपर्ट मनीष राहाणे बताते हैं कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर फेक आईडी बनाकर फेक मैसेज करने के केसेज दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। पहले ये लोग फेक मैसेज करके क्लोज रिलेशनशिप बनाते हैं। इसके बाद मेल आईडी पर पर्सनल मैसेज करने का सिलसिला शुरू करते हैं। लडक़ी के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाने वाला सामने वाले को अपनी बातों से ऐसा विश्वास दिला देता है कि वो ई-मेल पर आपत्तिजनक बातें करने को भी तैयार हो जाता है। दोनों तरफ से बातचीत काफी आगे बढ़ जाने के बाद जालसाज अपना असली खेल शुरू करते हैं। यूजर की तरफ से भेजी गई कुछ ई-मेल और अन्य पर्सनल इनफॉर्मेशन और डाटा की मदद से उसे ब्लैकमेल करने का सिलसिला शुरू हो जाता है. 
ये ‘प्लेटफॉर्म’ बन रहा है मुसीबत
सोशल नेटवर्किंग साइट्स हों या फिर कोई भी लेटेस्ट एप हों, सभी जगहों पर ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म ने लोगों के सामने इंटरनेट के असीम समंदर की राह को खोल दिया है। ‘ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म’ होना और पेड या फ्री एप्लीकेशन डाउनलोडिंग की फैसेलिटी के चलते यह ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) बहुत पसंद भी किए जा रहे हैं। लेकिन तकनीकि जानकारों और तमाम वेबसाइट्स की मानें तो गूगल द्वारा लांच इस प्रोडक्ट में कुछ खामियां भी हैं, जिनमें प्राइवेसी इश्यू सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। आईटी एक्सपर्ट मनीष अरोड़ा ने बताया कि गूगल के इस प्रोडक्ट के ‘ओपन सोर्स’ होने से एप्लीकेशन को डेवलप करके ऑनलाइन मार्केट ‘प्ले स्टोर’ में डाला जा सकता है. 
बड़े खतरे हैं इन ‘राहों’ में
-आपकी पर्सनल डिटेल्स गलत हाथों में जा सकती है
-फेक मैसेज करने वाले आपकी प्रोफाइल को भी हैक कर सकते हैं
-आपको ब्लैकमेल किया जा सकता है
-आपकी पर्सनल डिटेल और कुछ ई-मेल को आधार बनाकर आपसे पैसे भी एठे जा सकते हैं
इन बातों का रखें ध्यान
-फेक प्रोफाइल यूजर से बातचीत करने में सावधानी रखें
-सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर किसी भी तरह की लुभावनी बातों पर विश्वास न करें
-चाहे जितनी अच्छी दोस्ती हो जाए, अपनी पर्सनल डिटेल शेयर न करें
-इंटरनेट के माध्यम से चाहे वो ई-मेल हो, फेसबुक हो या फिर वाट्स एप हो, आपत्तिजनक मैटर लिखकर किसी को न भेजें

मेरा नाम मिस मैरी है। मैंने आज फेसबुक पर तुम्हारा प्रोफाइल देखा। मैं तुम्हारे साथ एक सीरियस रिलेशनशिप करना चाहती हूं। अगर तुम भी इंट्रेस्टेड हो तो मेरी मेल आईडी पर कांटेक्ट करो मैं अपने बारे में पर्सनल डिटेल और पिक्चर्स मेल पर भेज दूंगीतुम भी भेजोबस फिर हम लोगों की दोस्ती हो जाएगी। आजकल सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर फेक आईडी बनाकर इस तरह के मैसेजेज भेजे जा रहे हैं। मैसेज के माध्यम से लोगों को शिकार बना रहे हैं. 

और वो फंस गया जाल में

पिछले दिनों सिटी में एक बिजनेसमैन इस तरह के फेक मैसेज का शिकार हो गया। इस तरह के फेक मैसेजेज से क्लोज फ्रेंडशिप का सिलसिला शुरू करने के बाद इस गैंग को ऑपरेट करने वाले ने उनकी पर्सनल डिटेल हैक कर ली। इसके बाद पर्सनल मेल आईडी पर बिजनेसमैन द्वारा भेजे गए कुछ आपत्तिजनक ई-मेल के आधार पर उनको ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। बदनामी के डर से इनके चंगुल में फंसे ज्यादातर लोग कम्पलेन भी नहीं कराते हैं। लेकिन आकाश ने इसकी कम्पलेन पुलिस से की। पुलिस आईटी एक्सपर्ट की मदद से मामले की जांच कर रही है।

फंसाने के लिए डालते हैं ‘दाना’

आईटी एक्सपर्ट मनीष राहाणे बताते हैं कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर फेक आईडी बनाकर फेक मैसेज करने के केसेज दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। पहले ये लोग फेक मैसेज करके क्लोज रिलेशनशिप बनाते हैं। इसके बाद मेल आईडी पर पर्सनल मैसेज करने का सिलसिला शुरू करते हैं। लडक़ी के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाने वाला सामने वाले को अपनी बातों से ऐसा विश्वास दिला देता है कि वो ई-मेल पर आपत्तिजनक बातें करने को भी तैयार हो जाता है। दोनों तरफ से बातचीत काफी आगे बढ़ जाने के बाद जालसाज अपना असली खेल शुरू करते हैं। यूजर की तरफ से भेजी गई कुछ ई-मेल और अन्य पर्सनल इनफॉर्मेशन और डाटा की मदद से उसे ब्लैकमेल करने का सिलसिला शुरू हो जाता है. 

ये ‘प्लेटफॉर्म’ बन रहा है मुसीबत

सोशल नेटवर्किंग साइट्स हों या फिर कोई भी लेटेस्ट एप हों, सभी जगहों पर ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म ने लोगों के सामने इंटरनेट के असीम समंदर की राह को खोल दिया है। ‘ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म’ होना और पेड या फ्री एप्लीकेशन डाउनलोडिंग की फैसेलिटी के चलते यह ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) बहुत पसंद भी किए जा रहे हैं। लेकिन तकनीकि जानकारों और तमाम वेबसाइट्स की मानें तो गूगल द्वारा लांच इस प्रोडक्ट में कुछ खामियां भी हैं, जिनमें प्राइवेसी इश्यू सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। आईटी एक्सपर्ट मनीष अरोड़ा ने बताया कि गूगल के इस प्रोडक्ट के ‘ओपन सोर्स’ होने से एप्लीकेशन को डेवलप करके ऑनलाइन मार्केट ‘प्ले स्टोर’ में डाला जा सकता है. 

बड़े खतरे हैं इन ‘राहों’ में

-आपकी पर्सनल डिटेल्स गलत हाथों में जा सकती है

-फेक मैसेज करने वाले आपकी प्रोफाइल को भी हैक कर सकते हैं

-आपको ब्लैकमेल किया जा सकता है

-आपकी पर्सनल डिटेल और कुछ ई-मेल को आधार बनाकर आपसे पैसे भी एठे जा सकते हैं

इन बातों का रखें ध्यान

-फेक प्रोफाइल यूजर से बातचीत करने में सावधानी रखें

-सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर किसी भी तरह की लुभावनी बातों पर विश्वास न करें

-चाहे जितनी अच्छी दोस्ती हो जाए, अपनी पर्सनल डिटेल शेयर न करें

-इंटरनेट के माध्यम से चाहे वो ई-मेल हो, फेसबुक हो या फिर वाट्स एप हो, आपत्तिजनक मैटर लिखकर किसी को न भेजें