RANCHI: डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है। लेकिन जब खून देकर जान बचाने की बात हो तो उसमें भी डॉक्टर पीछे नहीं है। कुछ ऐसा ही नजारा रविवार को रिम्स में देखने को मिला। जहां जूनियर डॉक्टरों ने ब्लड डोनेट किया, ताकि जरूरतमंदों को बिना किसी परेशानी के खून मिल सके। कैंप में 100 यूनिट से अधिक ब्लड कलेक्ट कर भेज दिया गया। ब्लड डोनेशन कैंप में चीफ गेस्ट के रूप में प्रिंसिपल सेक्रेटरी निधि खरे मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि यह अच्छी पहल है और हमेशा उनका सपोर्ट रहेगा। मौके पर डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, सुपरिटेंडेंट, जेडीए के अध्यक्ष डॉ। अजीत, को-आर्डिनेटर डॉ। विवेक मिश्रा, डॉ। राजीव, डॉ। संतोष, डॉ। आदित्या आनंद, डॉ। सृष्टि, डॉ। नीलोफर समेत अन्य मौजूद थे।

डोनर कार्ड का मिस यूज रुके

कैंप के दौरान जेडीए ने डोनर कार्ड का मिस यूज रोकने के लिए डायरेक्टर के साम एक प्रस्ताव रखा। इसमें कहा गया कि डोनर के सिग्नेचर अप्रूवल के बाद ही जरूरतमंद को डोनर कार्ड से खून उपलब्ध कराया जाएगा। इससे डोनर कार्ड के मिस यूज को रोकने में मदद मिलेगी।

खून का कोई सब्स्टीट्यूट नहीं है। ऐसे में हर किसी को खुद से आगे बढ़कर ब्लड डोनेट करना चाहिए। इससे कोलेस्ट्रॉल घटता है। साथ ही कैंसर होने के चांसेज भी कम हो जाते हैं।

डॉ। अजीत

ब्लड डोनेट करने के बाद भी किसी तरह की परेशानी नहीं होती है। मैं तो रेगुलर डोनेट करता हूं। अन्य लोग भी ब्लड डोनेट कर दूसरों को जीवनदान दे सकते हैं।

डॉ। विवेक मिश्रा

पहली बार डोनेट कर रहा था तो डर लगा। लेकिन बाद में सबकुछ नार्मल था। हम ब्लड डोनेट करके भी दूसरों की लाइफ सेव कर सकते हैं। इससे कोई परेशानी नहीं होती।

विकास प्रसाद

हर किसी को ब्लड डोनेट करना चाहिए। इससे बॉडी में नए सेल्स तैयार होते हैं और इंसान फिट रहता है। जो लोग यह मानते हैं कि ब्लड डोनेट करने से कमजोरी हो जाती है, वो गलत हैं।

मयंक कुमार

ब्लड डोनेशन को लेकर मन में जो धारणा थी वो खत्म हो गई। पहली बार ब्लड डोनेट करके अच्छा लगा। अब मैं खून देकर लोगों की जान बचाऊंगी।

नेहा घोष