चेरिटेबिल ट्रस्ट के लिए जारी की गई गाइडलाइन, मानक करने होंगे पूरे

अब आयोजकों को सीएमओ, डीएम से लेनी होगी परमिशन

Meerut। चैरिटेबिल ट्रस्ट, क्लब या अन्य संस्थाएं अब मनमर्जी से आउट डोर ब्लड डोनेशन कैंप नहीं लगा सकेंगी। अब संस्थाओं को मानकों पर खरा उतरना होगा। स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। बिना मानक पूरे किए वालंटियर ब्लड डोनेशन कैंप लगाना महंगा पड़ सकता है।

अधिकतम पांच कैंप

वालंटियर ब्लड डोनेशन कैंप के लिए साल में पांच से ज्यादा कैंप नहीं लगाएं जा सकते हैं। दो कैंप के लिए चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) की परमिशन लेनी होगी, जबकि इससे ज्यादा की परमिशन डीएम से ली जाएगी। यही नहीं कैंप आयोजित करने के एक हफ्ते पहले ड्रग इंस्पेक्टर, एड्स कंट्रोल सोसाइटी काउंसिल को लिखित रूप में सूचना देनी होगी। वहीं 100 ब्लड यूनिट होने पर कोल्ड चेन मेंटेन करनी होगी। ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित करवाने वाले ब्लड बैंक को भी 5 दिन के अंदर डोनेट ब्लड, डोनर्स संबंधित सभी डिटेल्स सीएमओ, डीएम, ड्रग इंस्पेक्टर को ई-मेल के जरिए भेजनी होगी। इसके अलावा कैंप के फोटोग्राफ और रिपोर्ट भी भेजी जाएगी।

ये नियम भी करने होंगे पूरे

3 घंटे में 50 से 60 यूनिट से ज्यादा ब्लड डोनेट नहीं हो सकेगा।

सीएमओ या अन्य अधिकारी की डिमांड पर रेयर ग्रुप कैंप ऑर्गेनाइजर को देना होगा। इसके लिए रिपलेस्मेंट भी नहीं किया जाएगा।

कैंप में इमरजेंसी की स्थिति से बचाव के लिए सभी व्यवस्थाएं होनी चाहिए।

डोनेशन कैंप की जगह पर सभी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध होंगी.स्टाफ भी पूरा होगा।

डोनर्स का प्री और पोस्ट टेस्ट काउंसलिंग जरूरी होगी। इसके लिए काउंसलर का होना जरूरी है।

एक से ज्यादा संस्था मिलकर कैंप लगाती हैं तो एक दिन में 500 से अधिक यूनिट कलेक्शन नहीं किया जा सकेगा।

बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल के सभी नियमों का पालन किया जाएगा।

कैंप में 8 से 10 लोगों के बैठने की व्यवस्था भी होनी चाहिए।

हाइजीन का भी पूरा ध्यान रखना होगा।

14 ब्लड बैंक हैं मेरठ में

250 यूनिट की रोजाना डिमांड रहती है मेडिकल कॉलेज में

200 यूनिट की रोजाना डिमांड रहती है जिला अस्पताल में

सरकारी अस्पताल में एडमिट मरीज को फ्री ब्लड प्रोवाइड करवाया जाता है।

प्राइवेट अस्पताल में एडमिट मरीजों के लिए सरकारी फीस 450 रूपये है

ब्लड डोनेशन है आसान

18 से 65 वर्ष के लोग ब्लड डोनेट कर सकता है।

ब्लड डोनर का हीमोग्लोबिन 12.5 एवं वजन 45 किग्रा से कम नहीं होना चाहिए।

हर तीन महीने के बाद किया जा सकता है ब्लड डोनेट

ब्लड डोनेट खाली पेट नहीं करें।

ब्लड डोनेशन के बाद 24 घटे तक धूम्रपान, तंबाकू, शराब का सेवन नहीं करें।

24 घंटे तक कोई भारी वजन नहीं उठाएं, खासकर जिस हाथ से रक्त निकला गया हो।

गर्मी के दिनों में ब्लड डोनेट करने के बाद अगले तीन घटे तक धूप में नहीं निकलें।

इस साल डब्ल्यूएचओ सेव ब्लड फॉर ऑल की थीम पर व‌र्ल्ड डोनेर्स डे का आयोजन कर रहा है।

आउट डोर ब्लड डोनेशन कैंप के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी गई हैं। अगर ब्लड बैंक के बाहर कैंप लगाया जाता है तो उसके सभी नियम आयोजकों को पूरे करने होंगे। निर्धारित नियमों का पालन करना होगा।

डॉ। राजकुमार, सीएमओ

ब्लड डोनेशन के लिए इस तरह के नियम काफी सराहनीय हैं। इससे जहां ब्लड की कालाबाजारी नहीं होगी, वहीं जरूरत मंद लोगों तक खून पहुंच सकेगा।

नीरज कौशिक, ब्राह्मण एकता समिति

आउट डोर ब्लड डोनेशन कैंप की गाइडलाइन का स्वागत है। इन नियमों से जहां गड़बडि़यों पर रोक लगेगी, वहीं लोगों में ज्यादा से ज्यादा ब्लड डोनेशन की भावना विकसित होगी।

पल्लवी रस्तोगी, शुभम मैमेरियल ट्रस्ट