छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: शहर में डेंगू ने अपना पैर पसार दिया है। डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने से ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की मांग भी पहले से चार गुना से भी ज्यादा बढ़ गई है। खून की तरह ही लोग प्लेटलेट्स लेने पहुंच रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में डेंगू के हालात क्या है? जमशेदपुर ब्लड बैंक से प्रतिमाह करीब 600 यूनिट खपत होने वाली प्लेटलेट्स की मांग बढ़कर 2500 यूनिट तक पहुंच गई है। जबकि खून की मांग हर महीने करीब 3300 यूनिट है। शहर में डेंगू मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अबतक 241 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं डेंगू के सौ से अधिक संदिग्ध मरीज शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती है। डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड जैसे रोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देते हैं, जिसका असर रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या पर पड़ता है। हर साल अगस्त से नवंबर माह तक प्लेटलेट्स की मांग रहती है। हालांकि, इसबार जमशेदपुर ब्लड बैंक में पर्याप्त प्लेटलेट्स है। इसलिए मरीजों को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है।

प्लेटलेट्स का काम

एक स्वस्थ व्यक्ति के एक घन मिलीलीटर खून में प्लेटलेट्स की संख्या डेढ़ लाख से चार लाख तक होती है। डेंगू होने पर प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगता है। जिसके कारण मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। प्लेटलेट्स का मुख्य कार्य शरीर में रक्त स्राव होने से रोकना है।

डेंगू के 11 नए मरीज मिले

गुरुवार को आई रिपोर्ट में 11 नए डेंगू मरीजों की पुष्टि हुई है। जिला सर्विलांस विभाग ने शहर के विभिन्न अस्पतालों से कुल 25 संदिग्ध मरीजों का नमूना लेकर जांच के लिए महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज स्थित माइक्रोबायोलॉजी विभाग जांच को भेजा था। शहर में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 241 पहुंच गई है। इधर, जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ओर से मानगो के डिमना रोड, बालीगुमा, परसुडीह क्षेत्र में अभियान चलाकर डेंगू के लार्वा को नष्ट किए गए। वहीं शाम में फागिंग की गई। जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ। एके लाल ने बताया कि डेंगू के कारण से निजात पाने के लिए सभी सहभागिता जरूरी है। इससे डेंगू मरीजों की संख्या में कमी आएगी।