- असमाजिक तत्व माहौल खराब करने की करते हैं कोशिश

- किसी के कहने या अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

- मदर्स डे पर मां बहनों ने भी की शांति की अपील

Meerut : शहर में कुछ असमाजिक तत्व नफरत की चिंगारी में घी डालकर पूरे शहर को तबाह करने की कोशिश करते हैं। शायद ये नहीं जानते कि हिन्दू मरे या मुसलमान कोख तो आखिर मां की ही खाली होती है। जी हां नफरत की आग ने मुजफ्फरनगर दंगों में कई घरों की खुशी छीन ली। कोई अपने बेटे को गवां चुका है तो कोई अपने पति को गवां चुका है। वहीं कोतवाली क्षेत्र में हुए दो समुदाय के बवाल में कई लोग घायल हैं। जिनमें कुछ की हालत गंभीर भी बनी हुई है। ऐसे में सवाल है कि हिन्दू मरे या मुसलमान कोख तो आखिर मां की ही खाली होती है।

अमन चैन बनाए रखना समझदारी

शहर में बवाल और दंगे से कोई फायदा नहीं है, बल्कि नुकसान ही नुकसान है। इसलिए समझदारी इसमें है कि लोग शांति से अमन चैन कायम कर भाईचारा बनाकर रखें। अफवाह फैलाने वालों से भी सावधान रखकर अपने दिमाग से काम लेना चाहिए। जरा सी चूक किसी पर भी भारी पड़ सकती है।

आजादी की लड़ाई में थे साथ

देश की आजादी में हिन्दू और मुसलमान दोनों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। सभी समुदाय के लोगों ने साथ मिलकर अंग्रेजों से लड़ाई लड़कर मुल्क को आजाद कराया था। ऐसे में आपस में दो समुदाय के लोग लड़ेंगे तो देश के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। सभी को होशियारी और समझदारी से काम लेकर मामले को निपटाना चाहिए। कौमी एकता समिति के सचिव दुखहरण शर्मा का कहना है कि मेरठ की पहचान इंटरनेशनल लेवल पर बनी हुई है ऐसे में यहां नफरत की लड़ाई लड़ना सही नहीं है। अमन चैन के साथ लोगों को रहना चाहिए।

क्या कहते हैं ये

शहर की फिजा खराब करना सही नहीं है। ये सभी धर्मो के खिलाफ नुकसानदायक है। इसलिए सब अपना मिल जुलकर रहकर समाज में अच्छे-अच्छे काम करके नाम कमाएं। इसी में सभी का भला है।

पूनम, बुढ़ाना गेट

मेरठ में क्8भ्7 की क्रांति की शुरूआत यहां से हुई थी। इसलिए मेरठ की पूरे मुल्क में अलग ही पहचान बनी हुई है। ऐसे में हम दंगा या बवाल करके अपने शहर को बदनाम करने का काम कर रहे हैं । बात ये है कि हिन्दू मरे या मुसलमान खून तो इंसान का बहता है।

डॉ। अनिता पोखरियाल

कोतवाली

चाहे हिन्दू का खून बहे या फिर मुसलमान का नुकसान तो मां का होता है। मां नौ महीने गर्भ में रखने के बाद एक मां बच्चे को जन्म देती है। ऐसे में सभी को इस बात का ख्याल रखकर अमन चैन कायम रखने में योगदान देना चाहिए।

शबाना, जैदी फार्म

जो लोग बवाल कराते हैं शायद उनको अपने शहर से प्यार नहीं बल्कि नफरत होती है। हिन्दू-मुस्लिम दोनों ने मिलकर देश में आजादी की लड़ाई लड़ी थी। लोगों को इस आजादी को नहीं भूलना चाहिए। एकजुट होकर पूरे देश में रहना चाहिए ताकि कोई देश हम पर हावी न हो सके। मां की ममता को प्रत्येक को ध्यान में रखना चाहिए।

सरला शर्मा, गोविंदपुरी

खून कभी हिन्दू या मुसलमान का नहीं बल्कि इंसानियत का बहता है। लोगों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि अपने देश और सिटी में शांति रहे। ऐसे में नफरत की चिंगारी में घी डालने वालों की बातों में नहीं आना चाहिए। बल्कि शांति से अमन-चैन कायम रखना चाहिए।

आरती, शिक्षिका

सुभाषपुरी