RANCHI : लातेहार-गढ़वा बॉर्डर पर स्थित छिंजो में बारूदी सुरंग बिछाने में माओवादियों के जयराम व शेखर दस्ते का हाथ था। पलामू पुलिस की छानबीन में इसका खुलासा हुआ है। पलामू रेंज के डीआईजी विपुल शुक्ला ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि एक करोड़ के ईनामी नक्सली अरविंद जी की मौत के बाद सुधाकरण की पत्‍‌नी, बिसराय, विमल गंझू और मृत्युंजय ने इस इलाके में माओवादियों की संभाल रखी है। इनका बिहार के गया इलाके के नक्सलियों ने भी कनेक्शन है, जिसकी बदौलत वे नक्सली घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इधर, माओवादियों के बारुदी सुरंग विस्फोट में छह जवानों की शहादत के बाद पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है।

पुलिस की कर रखी थी रेकी

लातेहार जिले में छह जवानों की जान लेने वाला आईइडी ब्लास्ट वांटेड माओवादी नेता सुधाकरण के निर्देश पर किया गया था। उस दौरान वह खुद स्पॉट पर मौजूद था। इतना ही नहीं, घटना को अंजाम देने के पहले नक्सलियों ने सुरक्षा बलों की पूरी रेकी कर रखी थी। जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ से सटे इस इलाके में झारखंड जगुआर समेत सुरक्षाबलों की टीम नक्सालियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन पिछले कई दिनों से चला रही थी।

एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट विश्वनाथ की थी भूमिका

इस ब्लास्ट में माओवादियों के बीच उनके एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट विश्वनाथ का हाथ कहा जा रहा है.जानकारी के अनुसार सुधाकरण के निर्देश पर इस ब्लास्ट की तैयारी उसी ने की थी। इसके अलावे इलाके में महिला दस्ते को भी बुलाया गया है। स्थानीय लोगों से सुरक्षाबलों को मिले इनपुट के अनुसार दक्षिण भारत से सशस्त्र महिला दस्ता इस इलाके में लाया गया है.जिनकी गतिविधियां भी देखी गई है।

विस्फोट में शहीद हो गए थे छह जवान

मंगलवार को बूढ़ा पहाड़ में माओवादियों द्वारा किए गए सिरीज बम ब्लास्ट में छह जवान शहीद हो गए थे, जबकि कई घायल हैं, जिनका रांची के रिम्स में इलाज चल रहा है। मालूम हो कि बूढ़ा पहाड़ के समीप पोलपोल गांव के पास सड़क के नीचे बारूदी सुरंग बिछाकर रखी थी। गौरतलब हो कि जगुआर, सीआरपीएफ 112 एवं 172 बटालियन और कोबरा बटालियन के जवान जब सर्च ऑपरेशन कर रहे थे, तभी लैंड माइन्स विस्फोट को अंजाम दिया गया था।