मेडिकल जांच अधिकारी अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि जिस व्यक्ति का शव नदी में मिला है, वो कहीं 22 साल के सुनील त्रिपाठी का तो नहीं है.

दरअसल सुनील त्रिपाठी मार्च महीने से ही गायब थे. अब अधिकारियों का कहना है कि नदी में जिस व्यक्ति का शव पाया गया है वो उस छात्र का हो सकता है जिसकी ग़लती से बॉस्टन धमाको के लिए संदिग्ध के तौर पर पहचान की गई थी.

नदी में मिला शव
विश्वविद्यालय के नौका दल ने मंगलवार शाम को इस छात्र के शव को नदी में ढूंढ निकाला. बॉस्टन धमाकों के सिलसिले में ग़लती से त्रिपाठी का नाम संदिग्ध के तौर पर आने के बाद उनके परिवार को बहुत मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ा था.

पुलिस लेफ्टिनेंट जोसप डॉननेली ने 'दि बॉस्टन ग्लोब' अख़बार को जानकारी दी कि 'इसकी संभावना काफी ज्यादा है' कि ये शव त्रिपाठी का हो सकता है.

ब्रॉउन विश्वविद्यालन के नौकायन कोच ने जब प्रोविडेंस नदी में शव को तैरते हुए देखा तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी. ब्रॉउन विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र त्रिपाठी आखिरी बार अपने अपार्टमेंट में 16 मार्च को देखे गए थे.

सोमवार को सोशल मीडिया वेबसाइट रेडिट ने बॉस्टन धमाकों मे कुछ विशेष लोगों के ग़लती से संदिग्ध के तौर पर नाम लेने पर सार्वजनिक रुप से माफ़ी भी मांगी है.

ग़लती से जिन लोगों की पहचान धमाकों के सिलसिले में संदिग्ध के तौर पर की गई, उनमें त्रिपाठी का भी नाम शामिल था.

त्रिपाठी की बहन संगीता ने बीबीसी को बताया था कि जिस गति से 'पूर्ण रुप से अप्रमाणित दावे फैले' उसे देखकर उनके परिवार को चिंता हुई थी.

उनका कहना था कि उनके भाई का नाम आने के बाद मीडिया ने उनके घर को घेर लिया था.

 

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