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LUCKNOW : स्कॉलर स्टूडेंट का डिफेंस में जाने का सपना पूरा नहीं हुआ तो लेफ्टिनेंट कर्नल की वर्दी और बैज लगाकर फर्जी सेना का अधिकारी बन गया। आर्मी अफसर की तरह रहन सहन, अपनी कार और घर के बाहर लेफ्टिनेंट कर्नल की नेम प्लेट तक लगा ली। डिफेंस अफसर बनकर लड़कियों को जाल में फांसने लगा। कश्मीर की लड़की को जाल में फंसाकर उससे दूसरी शादी कर ली। इंटेलीजेंस की गोपनीय सूचना पर शातिर को साइबर क्राइम सेल ने गिरफ्तार किया है।

लखनऊ में फर्जी ले. कर्नल बन कर रहा था सपना पूरा

वर्दी, बैज के साथ नेम प्लेट

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि साइबर क्राइम सेल टीम ने इंटेलीजेंस की गोपनीय सूचना पर एक युवक को एसबीआई की कैसरबाग ब्रांच के पास चर्च तिराहे से हरियाणा नंबर की सफेद इंडिगो कार समेत पकड़ा। पकड़ा गया व्यक्ति मूलरूप से बहराइच निवासी अरविंद मिश्रा बताया जा रहा है। लखनऊ में बीते एक साल से वह अंसल सिटी में किराए के मकान में रह रहता था। अरविंद मिश्रा अपने आप को लेफ्टिनेंट कर्नल बताता था। उसने अपनी कार व घर के बाहर भी लेफ्टिनेंट कर्नल की नेम प्लेट लगा रखी थी। यहीं नहीं वह वर्दी और बैज लगाकर चलता था।

एफबी से जाल में फंसाता था

अरविंद मिश्रा ने राहुल मिश्रा नाम से फेसबुक पर एक फेक आईडी भी बना रखी थी। वह अपने आप को आर्मी अफसर बताकर लड़कियों से दोस्ती करता था और उन्हें अपने जाल में फंसाता था। अरविंद की पहली शादी 2003 में हुई थी और 2009 में उसका तलाक हो गया था। इसके बाद उसने जम्मू कश्मीर निवासी एक लड़की से दूसरी शादी की थी, जिससे उसका मतभेद चल रहा है। अरविंद ने जीवन साथी डॉटकॉम पर भी एक प्रोफाइल बनाई थी और उस प्रोफाइल में खुद को आर्मी अफसर बताकर शादी के नाम पर कई लड़कियों से दोस्ती की थी। उनके साथ वर्दी पहनकर घूमता था और टोल प्लाजा, होटल पर फर्जी पहचान का फायदा उठाकर रौब गांठता था।

सपना पूरा करने के लिए किया फर्जीवाड़ा

अरविंद स्कॉलर स्टूडेंट रहा है। उसने वर्ष 1997 में इकोनॉमिक्स से एमए की पढ़ाई की थी। इसके बाद बहराइच के मैनेजमेंट कॉलेज से एमबीए किया था। दो बार उसने सीडीएस का रिटर्न एग्जाम भी क्वालीफाई किया था, लेकिन इंटरव्यू में सेलेक्ट नहीं हो सका। वह आर्मी अफसर बनना चाहता था। उसका सपना पूरा नहीं हुआ तो वह फर्जी बैज और वर्दी पहनकर खुद को आर्मी अफसर बताने लगा। उसकी मां बहराइच में हेड मास्टर है। बताया जा रहा है कि संपन्न परिवार से होने की वजह से उसे पैसे की कमी नहीं होती थी। इसके अलावा उसने कई साल कई बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में अफसर के पोस्ट पर जॉब भी की है। पुलिस ने उसके पास से लेफ्टिनेंट कर्नल अरविंद मिश्रा के नाम का ड्राइविंग लाइसेंस और हरियाणा नंबर की इंडिगो कार बरामद की है जो कर्नल हरियाणा के पते पर पंजीकृत है। इसके अलावा शस्त्र लाइसेंस, एक रिवॉल्वर 0.32 बोर व 3 मोबाइल व कई अन्य दस्तावेज भी बरामद किए हैं।

लखनऊ में फर्जी ले. कर्नल बन कर रहा था सपना पूरा

 

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