- पहले से ही किशोरों का पुलिस पर हमले का था प्लान

- सूफियान और करन हत्याकांड के आरोपियों ने संभाल रखी कमान

मेरठ : किशोरों ने इस अराजकता के पीछे का तर्क दिया कि उन्हें बिजली और खाना समय पर नहीं मिल रहा है। इससे किशोर काफी दिनों से क्षुब्ध थे। जिला प्रोबेशन अधिकारी को शिकायत करने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। किशोरों ने चार घंटे तक चले बवाल के पीछे इसी वजह को बताया है, जबकि पुलिस इस मामले में दूसरा कारण मान रही है, जिस प्लानिंग से उन्होंने पुलिस पर हमला करते हुए खुद को बचा लिया। उससे साफ है कि बैरक के अंदर कई दिनों से गुस्से की आग धधक रही थी।

कहानी तो कुछ और है

कोर्ट के हेड मोहर्रिर वाजिद का कहना है कि किशोर गृह में बंद सूफियान और करन कौशिक हत्याकांड के आरोपी इस पूरे मामले की मॉनीटरिंग कर रहे थे। पुलिस पर हमले का प्लान तो पहले से ही तैयार कर लिया था, जिस तरह से उन्होंने कोर्ट के कागजातों को फाड़ कर कंप्यूटर तक तोड़ दिया। उससे साफ है कि अपने ऊपर हुए मुकदमों का रिकार्ड खत्म करने की तैयारी कर चुके थे। किशोरों ने गुस्से में आकर कहा कि पुलिस पहले तो फर्जी तरीके से मुकदमे दर्ज कर जेल भेजती है।

बिजली और खाना बना वजह

हालांकि पुलिस को किशोरों ने बताया कि बिजली और खाना समय पर नहीं मिलने के कारण उनके में गुस्सा भरा हुआ था। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी और सहायक अधीक्षक को कई बार खाने में सुधार करने को कहा था। इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। पुलिस ने सहायक अधीक्षक से इस संबंध में बात की तो हार्ट पेशेंट होने की बात कहकर अपने काम से इतश्री कर ली है। उन्होंने सीडीओ को भी कोई जवाब नहीं दिया। यही कारण है कि सीडीओ दीपचंद ने इसे पूरे प्रकरण में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए है।