कुछ ऐसी है जानकारी
जानकारी के अनुसार सारनाएव 21 वर्षीय पूर्व छात्र है। सजा पाने के दो साल बाद इन्होंने कोर्ट में पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी। यहां कोर्ट में सारनाएव ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए कहा कि वह उन लोगों से माफी मांगते हैं, जिनकी जान उसकी वजह से चली गई या फिर जो उनके कारण अपंग हो गए। उसने कहा कि उसके वजह से जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई नहीं हो सकती। इसके आगे उसने पीड़ितों से कहा कि वह उनके लिए सिर्फ प्रार्थना कर सकते हैं। ईश्वर उनके दुख को कम करे।

क्या था मामला
धमाके के उस कांड को याद करें तो गौरतलब है कि 15 अप्रैल 2013 को सारनाएव ने एक बम ब्लास्ट को अंजाम दिया था। उसके फेंके गए बम के विस्फोट से तीन लोग मारे गए थे। वहीं 260 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। उसको याद करते हुए सारनाएव ने कोर्ट में धार्मिक भावनाएं व्यक्त की। उसने अल्लाह को याद करते हुए करीब पांच मिनट तक माफी भरा भाषण दिया। अपने इस भाषण के दौरान वह कई बार फूट-फूट कर रोया।  

झड़प में मारा गया था सारनाएव का भाई
सारनाएव बोला कि वह एक मुसलमान है। उसका धर्म इस्लाम है। उसने कहा कि वह अल्लाह से प्रार्थना करता है कि वह उनपर नेतम करे, जो विस्फोटों में मारे गए थे या फिर उसमें अपंग हो गए थे। वह उनके परिवार की खुशकिस्मती के लिए प्रार्थना करता है। कोर्ट में अपने भाषण में उसने कहा कि वह अल्लाह से खुद पर और अपने भाई व अपने परिवार पर दया की प्रार्थना करता है। बता दें कि विस्फोट के बाद पुलिस के साथ झड़प में उसका भाई व उसका साथ आतंकी भी मारा गया था।

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