- वलसाड़-हरिद्वार एक्सप्रेस रोकने पर लोगों को आया गुस्सा

- वकीलों ने हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर ट्रेन को पौना घंटा रोके रखा

- बाद में पुलिस की सख्ती के बाद वकीलों को हटना पड़ा

- आसपास के स्टेशनों पर दो पैसेंजर और एक एक्सप्रेस ट्रेन रुकी रही

Meerut : पब्लिक के सामने तो बड़े-बड़े नेता झुक जाते हैं, तो बाकियों की बिसात ही क्या हैं? इसकी एक बानगी सिटी रेलवे स्टेशन पर देखने को मिली। जब वकीलों को वलसाड़ एक्सप्रेस के पैसेंजर्स के आक्रोश का सामना करना पड़ा और वेस्ट यूपी हाईकोर्ट की बेंच की मांग को लेकर ट्रेन रोकने को गए वकीलों को हटना पड़ा। लोगों के जोश को देखते हुए पुलिस में भी हिम्मत आ गई और उन्होंने वकीलों को हटाने में हिम्मत जुटाई। वलसाड़ एक्सप्रेस के रुक जाने के करीब तीन ट्रेनों को पहले ही रोक देना पड़ा। वकीलों का अपना धरना ब्भ् मिनट पहले ही खत्म करने का मजबूर होना पड़ा।

हाई कोर्ट बेंच की मांग

वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग का लेकर वेस्ट यूपी हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति पिछले चार महीनों से लगातार आंदोलन कर रही है। तीन महीनों की हड़ताल के बाद वकील चक्का जाम और ट्रेन रोकने पर उतारू हो गए हैं। बुधवार को समिति के पदाधिकारियों ने पहले से ही सुबह क्ख् बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक ट्रेन रोकने और रेल की पटरी पर धरना देने का प्रोग्राम बनाया हुआ था। समिति के तमाम पदाधिकारी सुबह क्ख् बजे पहुंच गए और प्लेटफॉर्म नंबर दो के रेलवे ट्रैक पर उतर गए।

तो दो मिनट पहले निकल गई ट्रेन

जैसे ही वकील प्लेटफॉर्म नंबर दो के टै्रक पर उतरे तो वकीलों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू हो गई। आरपीएफ के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। वकीलों को हटाने का प्रयास करने लगे, लेकिन वकीलों ने आरपीएफ के जवानों और अधिकारियों की एक भी न सुनी। ट्रैक पर अड़े। वकीलों के लिए हास्यास्पद स्थिति तब और पैदा हो गई, जब पता चला कि दिल्ली-जालंधर सुपर उनके ट्रैक पर आने से करीब दो मिनट पहले ही दिल्ली के लिए निकल गई है। उसके बाद किसी दूसरी ट्रेन को भी नहीं आना था। करीब ख्भ् मिनट तक प्लेटफॉर्म नंबर-दो पर वकीलों का हंगामा चलता रहा। इतने में एसपी सिटी भी पहुंच गए।

वलसाड़-हरिद्वार एक्सप्रेस पर लगाए ब्रेक

इतने में वकीलों को जानकारी मिली कि प्लेटफॉर्म नंबर चार पर वलसाड़ गुजरात से वलसाड़-हरिद्वार एक्सप्रेस आ रही है। जानकारी मिलते ही सभी वकील प्लेटफॉर्म की ओर दौड़ पड़े। प्रॉपर प्लेटफॉर्म पर पहुंचने से पहले ही ट्रेन को रोक दिया। आगे इंजन पर चढ़ गए। वेस्ट यूपी हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर नारे लगाने लगे। पुलिस भी पूरी शांति के साथ पूरे ड्रामे को देखती रही। पुलिस को लग रहा था कि दो-चार मिनट ट्रेन को रोककर सांकेतिक धरना-प्रदर्शन कर शांत हो जाएंगे, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ। दस मिनट से ज्यादा बीत जाने के बाद पुलिस और आरपीएफ के अधिकारियों के माथे पर बल पड़ गए। वकील इंजन पर चढ़ गए और रेलवे ट्रैक पर पूरी तरह से बैठ गए।

पुलिस ने किया समझाने का प्रयास

दस मिनट से ज्यादा बीत जाने के बाद पुलिस और आरपीएफ माथे पर पसीने आ गए। एसपी सिटी और आरपीएफ के अधिकारी वकीलों को समझाने के लिए पटरी पर आ गए। एसपी सिटी ने वकीलों समझाया कि पब्लिक काफी परेशान हो रही है। इतनी देर तक ट्रेन रोकने ठीक नहीं है। बाकी ट्रेनों को भी काफी प्रॉब्लम होगी। ऐसे में संघर्ष समिति के संयोजक अनिल कुमार जंगाला ने किसी तरह सहयोग करने से इनकार कर दिया। साथ ही दो बजे से पहले उठने से इनकार दिया। जंगाला ने कहा कि हम पब्लिक के लिए ही लड़ाई लड़ रहे हैं। हमें भी पब्लिक की परेशानी का पूरा ख्याल है।

अब पब्लिक होने लगी परेशान

आधा घंटा ट्रेन के रुके रहने से ट्रेन में बैठे हुए पैसेंजर्स तो परेशान हुए ही। साथ प्लेटफॉर्म पर दूसरी ट्रेनों के इंतजार में खड़े हुए परेशान होने लगे। फरीदाबाद से आ रहे रंजन राजपूत ने कहा कि एक साल पहले भी मैं इसी ट्रेन से हरिद्वार जा रहा था। उस बार भी वकीलों द्वारा ही ट्रेन को रोका गया था। वहीं संदीप तोमर ने कहा कि ट्रेनों को रोककर अगर कोई चीज सरकार से मिल जाती तो हर कोई दिल्ली से मुंबई तक ट्रेनों को रोकता। ऐसे में पब्लिक को परेशान से कोई फायदा नहीं है।

जब पब्लिक हो गई आक्रोशित

करीब ब्भ् मिनट तक ट्रेन के रुके रहने पैसेंजर्स का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। पब्लिक ट्रेन से बाहर निकलकर हंगामा करने लगी। पुलिस को भी पब्लिक और पैसेंजर्स को काफी खरी-खरी सुनाई। उसके बाद भी जब पुलिस द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया तो पैसेंजर्स खुद ही ट्रैक पर वकीलों को हटाने के लिए आ गए। वकीलों ने पैसेंजर्स को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन पब्लिक सिर्फ ट्रैक खाली कराने पर अड़ी रही। उसके बाद पुलिस भी जोश में आ गई। वकीलों को मजबूरी में ट्रैक से हटना पड़ा। उसके बाद वकीलों को कहना पड़ा कि पब्लिक की परेशानी को देखते हुए उन्होंने अपना धरना समाप्त करना पड़ा। वैसे धरना दो बजे तक का था। लेकिन क्:क्भ् बजे ही समाप्त करना पड़ा। उसके बाद वलसाड़-हरिद्वार एक्सप्रेस ट्रेन आगे हरिद्वार की ओर बढ़ सकी।

ये ट्रेनें हुईं प्रभावित

वलसाड़-हरिद्वार एक्सप्रेस रोके जाने की वजह से रेलवे अधिकारियों ने ऐतिहात के तौर पर तीन ट्रेनों को सिटी स्टेशन पर आने से पहले ही रूकवा दिया। ताकि उन ट्रेनों के आगे कोई न आ सके। इंदौर-अमृतसर एक्सप्रेस को मोहिद्दीनपुर स्टेशन पर रोका गया। उसका टाइम स्टेशन पर आने का क्ख्:भ्0 था। कैंट स्टेशन पर अंबाला दिल्ली पैसेंजर और परतापुर में दिल्ली-अंबाला एक्सप्रेस को रोककर रखा गया। वकीलों के जाने के बाद ही उन्हें वहां से जाने दिया।