- दिल्ली रोड पर प्रॉपर्टी डीलर के सिर में मारी गई थी गोली

- वारदात को लेकर कई सवाल हो रहे हैं खड़े

- स्पॉट पर पुलिस को नहीं मिली कोई खून की बूंद

- पुलिस भी मानकर चल रही है कहानी में झोल

Meerut: टीपी नगर थाना एरिया के मेवला फ्लाई ओवर पर प्रॉपर्टी डीलर को गोली मारने की घटना सवालों के घेरे में है। जो सीन पुलिस के सामने प्रॉपर्टी डीलर के बेटे ने क्रिएट किया था। उस सीन से पुलिस ने घटना पर कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। प्रॉपर्टी डीलर को गोली लगी, ये बात तो पुलिस समझ गई, लेकिन जिस स्पॉट पर प्रॉपर्टी डीलर को गोली मारी गई है, ये बात पुलिस की भी समझ से बाहर है।

क्या था मामला

हरिकृष्ण लोधी पुत्र स्व: प्यारे लाल लोधी निवासी बागपत गेट पत्ते वाली गली प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं। उनकी नूर नगर में अपनी प्रॉपर्टी है। शनिवार रात अपने बेटे प्रवीण के साथ बाइक पर घर लौट रहे थे। इसी दौरान मेवला फ्लाई ओवर पर कुछ अज्ञात बदमाशों ने हरिकृष्ण के सिर में गोली मार दी थी, जिसके बाद केएमसी हॉस्पिटल में पीडि़त को उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। पुलिस ने मौका-ए-वारदात पर प्रवीण को साथ लेकर गई थी और मामले की जानकारी की थी। इस मामले में प्रवीण की शिकायत पर पुलिस ने ईश्वर, महिपाल निवासी नूर नगर और संजय, मनोज निवासी देवता पुरम पर मुकदमा कायम किया था।

सच्चाई से उठेगा पर्दा

प्रॉपर्टी डीलर की घटना में सामने आ रहे कई झोल से पर्दा उठाने के लिए पुलिस ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस हरिकृष्ण के बेटे प्रवीण की शिकायत पर चार दबंगों के खिलाफ नामजद मुकदमा कायम कर लिया था। पुलिस ने प्रवीण की शिकायत पर आरोपियों के घर दबिश दी, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लग सकी है। वहीं दूसरी ओर पुलिस कहानी में चल रहे झोल की जांच करने में भी जुट गई है।

सवाल मांगते हैं जवाब

क्। यदि प्रॉपर्टी डीलर को मेवला फ्लाई ओवर पर गोली मारी, तो आवाज क्यों सुनाई नहीं दी गई।

ख्। प्रॉपर्टी डीलर के सिर में गोली लगने के बाद स्पॉट पर खून क्यों नहीं पड़ा था।

फ्। प्रॉपर्टी डीलर के सिर में गोली लगी, बाइक चला रहे उनके बेटे को पता तक नहीं चला। बेटे प्रवीण ने पुलिस को जानकारी दी है कि पीछे से आ रहे लोगों ने सिर में गोली लगने की जानकारी दी।

ब्। जब प्रॉपर्टी डीलर को मेवला फ्लाई ओवर पर गोली लगी तो घायल को सबसे पहले ईदगाह के पास एक निजी नर्सिग होम में क्यों ले जाया गया, जबकि फ्लाई ओवर से नीचे उतरकर ही हॉस्पिटल है। वहां उपचार के लिए क्यों नहीं ले गए, अपने घर के पास ही हॉस्पिटल को क्यों चुना गया।

भ्। जिस समय वारदात हुई उस समय पुल के नीचे टीपी नगर थाने की पुलिस खुद मौजूद थी। क्योंकि ट्रेन की चेन पुलिंग का मामले की सूचना पर पुलिस को तैनात किया गया था।

म्। यदि रंजिशन गोली मारी गई है तो पिता को ही गोली क्यों मारी गई। बेटे पर हमलावरों ने क्यों वार नहीं किया। जबकि बेटे ने खुद ही बताया था कि सात महीने पहले कुछ दबंगों ने बाप-बेटे की पिटाई की थी, ऐसे में बेटे को क्यों बख्शा गया।

घटना में कुछ तथ्य जांच के हैं। स्पॉट पर खून नहीं मिलना अपने आप में बड़ी बात है, जो घटना पर सवाल खड़े कर देते हैं। फिलहाल पीडि़त के सही होने का इंतजार है, पीडि़त के सही होने पर ही बातचीत के बाद पूरा सीन सामने आएगा।

रणवीर यादव

एसओ

टीपी नगर