RANCHI: झिरी स्थित कचरा डंपिंग यार्ड की दम घोटने वाली सनसनीखेज खबर के दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में छपने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि कब से खटाई में पड़े डंपिग यार्ड बाउंड्रीवाल का काम जल्द से जल्द कराया जाए। कूड़े के पहाड़ों को चारदीवारी के भीतर घेरा जाएगा। हालांकि, कई किलोमीटर तक फैले कचरे के पहाड़ों को घेरने की यह कवायद कितनी सफल हो पाएगी यह बताना अभी जानकारों के लिए भी खासा मुश्किल है। इधर, चारदीवारी निर्माण की बात सुनकर कचरा डंप एरिया के आसपास रहने वाले लोग आक्रोशित हो रहे हैं। इनका कहना है कि चारदीवारी का मतलब है कि सरकार कचरा डंप एरिया यहां से हटाना नहीं चाहती, जबकि इसके आसपास के इलाके पूरी तरह रिहायशी इलाकों में तब्दील हो चुके हैं। लोगों का आरोप है कि चारदीवारी बन जाने से कचरा से होने वाली दुर्गध और उससे रोगों का बचाव कैसे होगा। निर्माण कार्य के दौरान भी काफी गंदगी उड़ेगी जो घरों के भीतर घुस जाएगी।

एमएसडब्ल्यू कराएगी काम

इस कार्य को कराने का दायित्व अशोक नगर स्थित एमएसडब्लू प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को मिला है। लेकिन, विवादों को देखते हुए और अच्छे रेट के कारण कंपनी इसे 1.40 लाख में सबलेट कर दूसरी कंपनी से काम कराना चाह रही है।

स्थानीय लोगों की मांग, हटाएं कचरा डंपिंग यार्ड

झिरी के लोगों में इस बात को लेकर काफी आक्रोश है कि कचरा डंपिंग यार्ड को वहां से हटाने के स्थान पर उसका डेवलपमेंट किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि इस यार्ड को हटाकर वहां से दूर ले जाया जाना चाहिए, ताकि लोगों को इसके दुष्प्रभाव से मुक्ति मिले।

चर्म व सांस रोगियों की बढ़ी संख्या

लोगों का कहना है कि इलाके में चर्म रोग और श्वास रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इनकी बढ़ती संख्या काफी गंभीर समस्या है। लोगों पर मच्छरों का भी खासा प्रकोप है जिसके कारण लोग भीषण गरमी में भी दरवाजा-खिड़की बंद कर दम घोटवाने को मजबूर हैं।

क्या कहती है पब्लिक

इस इलाके में कचरा इतना बढ़ गया है कि उसे हटाकर अब यहां का विकास कर पाना काफी मुश्किल हो जाएगा। इतने खर्च से बेहतर है कि सरकार इस कचरे को नष्ट कर दे और डंपिंग यार्ड को यहां से दूसरी जगह शिफ्ट कर दे।

मधुकांत तिवारी, झिरी निवासी

एमएसडब्लू को करीब 40 एकड़ में फैले इस कचरा डंपिंग यार्ड का काम दिया गया है। इस एरिया की बाउंड्री हो जाने से कचरा सड़क पर नहीं फैलेगा साथ ही उसके ट्रीटमेंट में भी आसानी होगी।

-डॉ। किरण, सहायक हेल्थ आफिसर, आरएमसी