10 करोड़ कंपाउंडिंग फीस के लालच में फंसा एमडीए

नई नीति का इंतजार कर रहा प्राधिकरण, बन रही नई शमन नीति

ज्यादातर अवैध निर्माण हो जाएंगे रेगुलेट, शमन की प्रक्रिया होगी आसान

Meerut। नवंबर से मेरठ विकास प्राधिकरण की ताबड़तोड़ सीलिंग और डिमोलिशन की कार्रवाई पर धीरे-धीरे ब्रेक लग गया। एमडीए विभिन्न कारणों के साथ-साथ नई शमन नीति के इंतजार को भी कार्रवाई में हीलाहवाली की वजह मानता है।

पनप रहे अवैध निर्माण

सूबे की योगी सरकार के निर्देश के बाद अवैध निर्माणों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई से एक ओर जहां अवैध निर्माणकर्ताओं में दहशत थी तो वहीं शहर में दोबारा अवैध निर्माण शुरू हो रहे हैं। विभिन्न जोनों में प्रवर्तन दलों की चहलकदमी कम हो गई है तो इक्का-दुक्का अवैध निर्माण को ही सील किया जा रहा है। एमडीए की इस लापरवाही से अवैध निर्माण पनप रहे हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि प्राधिकरण अधिकारी सरकार की रिवाइज कम्पाउंडिंग स्कीम का इंतजार कर रहे हैं।

क्या है योजना?

सूबे के पुराने शहरों में आवासीय ईकाइयों को नियमित करने के लिए योगी सरकार रिवाइज कम्पाउडिंग स्कीम लेकर रही है। प्रमुख सचिव आवास मुकुल सिंघल के निर्देशन में एक मसौदा तैयार हो रहा है जिससे शहर के पुराने हिस्सों के ज्यादातर अवैध निर्माण प्रावधान का लाभ लेकर वैध हो जाएंगे। गत दिनों लखनऊ में हुई मीटिंग के बाद जहां मसौदे को सैद्धांतिक मान्यता मिली है तो वहीं एमडीए भी शहर में अवैध निर्माणों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से गुरेज कर रहा है। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि रिवाइज कम्पाउंडिंग स्कीम से एमडीए को कम्पाउंडिंग फीस के तौर पर बड़ा रेवन्यू मिल सकता है।

10 करोड़ है कम्पाउंडिंग का लक्ष्य

वित्तीय वर्ष से कम्पाउंडिंग फीस (शमन शुल्क) के मद में 10 करोड़ का लक्ष्य एमडीए का निर्धारित किया गया है। जिसमें से अपै्रल 2017 से दिसंबर 2017 तक 5.21 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है जबकि जनवरी 2018 में एमडीए को इस मद में 1.67 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है। लक्ष्य के सापेक्ष जनवरी 2018 तक कुल 6.88 करोड़ रुपये की प्राप्ति एमडीए को कम्पाउंडिंग फीस के मद में हुई है।

संशोधित शमन नीति का प्रस्ताव तैयार हो रहा है। शहर की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए यह नीति कारगर साबित होगी तो वहीं शहर के पुराने हिस्सों में भी निर्माणों को नियमित किया जा सकेगा। हालांकि सीलिंग और डिमोलेशन की कार्रवाई नियमित है।

साहब सिंह, उपाध्यक्ष, एमडीए