-कानपुर की सबसे महंगी 34.50 करोड़ से बन रही 2.3 किमी। की पहली स्मार्ट रोड का काम बंद, बाकी कामों की रफ्तार भी बेहद धीमी

-बजट न मिलने से कंपनी ने स्मार्ट रोड का काम करना किया बंद, ऑडिट रिपोर्ट न मिलने बडे पेमेंट करने पर लगी है फिलहाल रोक

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KANPUR : कानपुर को स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर कागजों पर तो खूब काम हो रहा है लेकिन जमीन हकीकत कुछ और है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कई काम शुरू ही नहीं हो पाए हैं और शुरू भी हुए, उन पर ब्रेक लग गया है। इसका पहला असर फूलबाग से नरौना चौराहा तक बन रही स्मार्ट रोड पर पड़ा है। 34.50 करोड़ से बन रही 2.3 किमी। लंबी कानपुर की पहली स्मार्ट रोड का काम ठप हो गया है। स्मार्ट सिटी के अधिकारी भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। स्मार्ट क्लासेस का काम भी टाइम लाइन बीतने के बाद अधूरा पड़ा है। कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने कंपनी को नोटिस भी जारी किया है। कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन बनाने का काम भी अधर में है।

सिर्फ 40 परसेंट काम पूरा

स्मार्ट सिटी प्रभारी व सहायक नगर आयुक्त पूजा त्रिपाठी के मुताबिक स्मार्ट रोड का काम 40 परसेंट तक पूरा हो चुका है। 10 मार्च 2019 को काम का शिलान्यास तत्कालीन सांसद डॉ। मुरली मनोहर जोशी ने किया था। बुलंदशहर की कंपनी पीटीएस बिल्डर काम कर रही है। कोई भी अधिकारी काम बंद होने की बात स्वीकारने को तैयार नहीं है। कोई छठ पूजा में लेबर न होने तो कोई कमिश्नर और नगर आयुक्त के चेंज होने की बात कर रहा है। कई काम स्लो होने की बात कह रहे हैं। जबकि हकीकत ये है कि कंपनी को पिछले काफी टाइम से पेमेंट ही नहीं की गई है। मार्च 2020 तक स्मार्ट रोड का काम पूरा किया जाना है।

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9 महीने से चल रहा ऑडिट

स्मार्ट सिटी अधिकारी के मुताबिक पिछले 9 महीने से सीएजी द्वारा अप्वॉइंटेड अधिकारी ऑडिट कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। इसकी वजह से बड़े अमाउंट की पेमेंट रिलीज नहीं की जा रही है। ऑडिट को लेकर चीफ सेक्रेटरी भी अपनी नाराजगी जता चुके हैं।

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लाइनों की होगी शिफ्टिंग

स्मार्ट सिटी प्रभारी के मुताबिक स्मार्ट रोड का काम स्लो है, लेकिन बंद नहीं है। काम स्लो होने में एक बड़ा कारण ये है कि केस्को को अपने केबल बिछानी है। पहले उनकी रिक्वॉयरमेंट कुछ और थी, लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। कंपनी को रिवाइज परचेजिंग ऑर्डर देना है। बिना बोर्ड मीटिंग में पास कर इसमें बदलाव नहीं हो सकता है। ये भी एक बड़ा कारण है।

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कंपनी को दी गई नोटिस

स्मार्ट सिटी के तहत 6 स्कूल में स्मार्ट क्लासेस शुरू किए जाने थे। अभी तक सिर्फ 1 स्कूल में ही इसे शुरू किया जा सका है। 2.29 करोड़ से ई-पाठशाला शुरू की जानी थी। दिल्ली की अपार टेक्नोलॉजीज कंपनी को इसका टेंडर दिया गया था। लेकिन, टाइम पूरा हो जाने के बाद भी कंपनी ने अभी तक काम पूरा नहीं किया है। इसके चलते कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने कंपनी को नोटिस जारी किया है। काम पूरा नहीं हुआ तो कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी।

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दूसरे कामों पर भी लटकी तलवार

ऑडिट पूरा होने की वजह से नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने सभी की पेमेंट रोक दी है। बैलेंसशीट ऑडिट में क्लीयर होने के बाद ही सभी कंपनीज को पेमेंट रिलीज होगी। इसके चलते स्मार्ट सिटी के कई कामों पर भी तलवार लटक गई है। स्मार्ट सिटी के तहत 25.96 करोड़ से स्मार्ट वॉटर मीटर, स्काडा के तहत वाटर सप्लाई 24.78 करोड़, वेस्ट वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट 7.95 करोड़ से डेवलप किए जाने हैं। लेकिन अब इन पर भी तलवार लटक गई है।

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आंकड़ों में स्मार्ट रोड

-34.50 करोड़ से बननी है स्मार्ट रोड

-2.3 किमी। स्मार्ट रोड बनाई जानी है

-10 मार्च 2019 को हुआ था शिलान्यास

-2020 मार्च में कंपनी को काम करना है खत्म

-40 परसेंट काम ही पूरा किया जा सका है

-23 अक्टूबर से स्मार्ट रोड का काम है बंद

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स्मार्ट रोड का काम बंद नहीं है, लेकिन ये मान सकते हैं कि स्लो है। कुछ अड़चनें जरूर हैं, लेकिन सभी को शॉर्टआउट किया जा रहा है। केस्को की लाइन शिफ्टिंग का प्रस्ताव बोर्ड में रखा जाएगा।

-पूजा त्रिपाठी, प्रभारी कानपुर स्मार्ट सिटी।

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स्मार्ट रोड का काम अभी बंद है। पेमेंट किसी को रिलीज नहीं की जा रही है। ऑडिट पूरा होने के बाद ही कंपनियों की पेमेंट होगी।

-अक्षय त्रिपाठी, नगर आयुक्त।