-डीएम को सौंपी गई लिस्ट में कई कर्मचारी दो से तीन बार रिश्वत मांगने के मामले में फोन पर हुए ट्रैप

-ट्रेजरी, राजस्व विभाग, एफएसडीए, हेल्थ व एजुकेशन डिपार्टमेंट के कर्मचारियों की बार-बार आयी शिकायतें

BAREILLY: 'से नो टू करप्शन' में कई विभागों के कर्मचारी बार-बार रिश्वत मांगने में फोन पर ट्रैप हो चुके हैं। बार-बार पकड़े जाने के बावजूद इन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। यही नहीं हर बार विभाग के अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों को बचा लिया और स्टांप पर वादी से शपथ पत्र लिखाकर रिपोर्ट भेज दी। ढाई महीने में सामने आए 35 रिश्वतखोर कर्मचारियों की सौंपी गई लिस्ट में कई कर्मचारी ऐसे हैं, जो बार-बार पकड़े गए हैं। इनमें से ट्रेजरी और एफएसडीए डिपार्टमेंट कलेक्ट्रेट परिसर में ही हैं। अब इन कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। जल्द ही इन कर्मचारियों की लिस्ट एंटी करप्शन को भ्ोजी जाएगी।

चीफ ट्रेजरी ऑफिस के बाबू बड़े खिलाड़ी

डीएम ऑफिस के नजदीक कलेक्ट्रेट में चीफ ट्रेजरी ऑफिस में काम करने वाले दो बाबू ऐसे हैं, जो बार-बार रिश्वत मांगने में एसएनटीसी में ट्रैप हो चुके हैं। नया टोला आलमगिरीगंज निवासी पुष्पा देवी ने 25 मार्च को एसएनटीसी में फोन पर आरोप लगाया था कि बाबू रहमान ने पेंशन दिलाने के नाम पर 5000 रुपए की रिश्वत ली थी। बाबू रहमान पर ही 28 मार्च को शिवपुरी फरीदपुर निवासी रविंद्रपाल सिंह ने पेंशन के नाम पर 2 हजार रुपए की रिश्वत ली थी। इसी विभाग के अखलाक बाबू पर मकरंदपुर निवासी दीनानाथ और महानगर कॉलोनी निवासी डॉक्टर ऋषिपाल सिंह ने 13 अप्रैल को पेंशन बनवाने के नाम पर 4-4 हजार रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगाया था।

एफएसडीए के तीन मामले पकड़े गए

कलेक्ट्रेट स्थित एफएसडीए में भी दुकान का लाइसेंस बनवाने के नाम पर रिश्वत ली जाती है। शहदाना कालोनी निवासी राजकुमार ने 19 मई को शिकायत की थी कि एफएसडीए में वेदप्रकाश ने दुकान का लाइसेंस बनवाने के नाम पर उनसे 6000 रुपए लिए। इसी विभाग की इंस्पेक्टर अमिता पर राजेंद्र नगर के गुप्ता प्रोवीजन स्टोर के मालिक ने लाइसेंस बनवाने के नाम पर 5000 रुपए लेने का आरोप लगाया। एसएनटीसी में 20 मई को कॉल ट्रैप की गई। सिद्धार्थनगर निवासी नरेश कुमार जुनेजा ने 22 मई को एसएनटीसी को फोन पर बताया कि दलाल नितिन ने उनसे लाइसेंस बनवाने के 10 हजार रुपए ि1लये थे।

लोकवाणी केंद्रों पर लिए जाते हैं एक्स्ट्रा पैसे

ढाई महीने में सबसे ज्यादा राजस्व विभाग के 14 मामले पकड़े गए। इनमें सबसे ज्यादा लोकवाणी सेंटर्स की शिकायतें आयीं। यहां प्रमाण पत्र बनवाने की 10 रुपए की 100 या 200 रुपए लेने के आरोप लगे। यही नहीं कई लेखपालों ने भी इसके लिए रुपए लिये। शिकायतें मिलने पर लोकवाणी सेंटर्स को बंद भी किया गया, लेकिन बाद में इन्हें भी चालू कर दिया गया। इन ढाई महीने में बिजली विभाग की भी तीन शिकायतें पकड़ी गई थीं।