-सिटी बसों में लगने वाले पार्ट्स को प्रोवाइड कराने वाली कंपनियों का बकाया है करीब दस लाख
-कंपनियों ने सामान देने से किया इनकार, डेढ़ दर्जन से अधिक बसें खड़ी
सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज की स्थिति सुधरने की बजाय दिनों दिन और खराब होती जा रही है। कमिश्नर दीपक अग्रवाल की निगरानी में चलने वाले सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज की डेढ़ दर्जन से अधिक बसें पिछले तीन महीने से काशी व कैंट डिपो में खड़ी हो गई हैं। सिटी की लगभग दस बसें कैंट डिपो में तो उधर काशी डिपो में कुल तेरह बसें पार्ट्स के अभाव में सड़क पर दौड़ नहीं पा रही हैं। सिटी ट्रांसपोर्ट को मोटर-पार्ट्स की सप्लाई देने वाली कंपनियों को पिछले कई माह से पेमेंट नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि कंपनियों ने माल देना बंद कर दिया है। जिसका असर बसों की मेंटिनेंस पर पड़ रहा है।
छुट्टी पर गए एआरएम फायनेंस
सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज में सप्लाई देने वाली कुल चार से पांच कंपनियों का लगभग दस लाख रुपये बकाया है। कंपनियों की ओर से कई बार बकाए की मांग की गई लेकिन फाइलों पर नवागत एआरएम (फायनेंस) के सिग्नेचर नहीं करने की वजह से पेमेंट नहीं हो पा रहा है। इसी बीच नवागत एआरएम पंद्रह दिनों की छुट्टी पर भी चले गए हैं।
चहेते की पास हो रही फाइल
सिटी ट्रांसपोर्ट के काशी डिपो में मोटर पार्ट्स की सप्लाई करने वाली कंपनियों के बीच सुगबुगाहट काफी तेज है। कुछ कंपनियों में निराशा है कि चहेते कंपनियों के बजट की फाइल तुरंत पास हो रही है। कुछ कर्मचारियों की मानें तो कमीशन के खेल में सिटी सर्विस की स्थिति दिनों दिन खस्ताहाल होती जा रही है।
इधर-उधर से चला रहे काम
काशी डिपो में आफरोल ग्यारह बसें और दो बसें पिछले कई माह से खड़ी है। किसी में शीशा नहीं है तो किसी के इंजन में खराबी है। इसका भी काट वर्कशाप के इंजीनियर, मैकेनिक निकाल रहे हैं। खड़ी होने वाली बसों के चलाऊ पार्ट्स निकाल दूसरी बसों में लगाकर दौड़ा रहे हैं। कुछ दिनों में पार्ट्स नहीं मिले तो फिर अधिकतर बसें खड़ी ही होंगी।
सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज पर नजर
130
है सिटी बसें
60
काशी डिपो के हवाले
70
कैंट डिपो के जिम्मे
13
सिटी बसें हैं तीन माह से काशी डिपो में खड़ी
10
सिटी बसें कैंट डिपो में हैं महीने भर से खड़ी
धीरे-धीरे सभी कंपनियों का बकाया चुकाया जा रहा है। अभी एआरएम फायनेंस छुट्टी पर चले गए हैं। ऐसी स्थिति में कुछ देर हो रही है। पर मामला सुलझा लिया जाएगा।
स्वामीनाथ पाठक, एआरएम सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस