- 5 हजार से अधिक सफाईकर्मी

- 2500 के करीब स्थाई सफाईकर्मी

- 49 कार्यदायी संस्थाएं निगम से जुड़ी

- 950 सफाईकर्मी कार्यदायी संस्थाओं के

-1550 के करीब संविदा सफाईकर्मी

- शहर की सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने की तैयारी

- सफाई सुपरवाइजर-बीट इंचार्ज को फोटो खींचकर निगम भेजनी होगी

abhishekmishra@inext.co.in

LUCKNOW: घर के बाहर या गली में झाड़ू लगी या नहीं, इसकी जानकारी एक फोटो से आसानी से हो जाएगी। झाड़ू न लगने पर सफाई कर्मी कोई बहाना भी नहीं बना सकेंगे। वजह यह है कि गलियों में सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए निगम प्रशासन की ओर से फोटो सिस्टम की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। मौके पर फोटो क्लिक होने से सफाई व्यवस्था की स्थिति का आसानी से पता लगाया जा सकेगा।

ह है तैयारी

निगम प्रशासन की ओर से की जा रही तैयारी से साफ है कि बीट इंचार्ज और सफाई सुपरवाइजर्स को डेली अपने एरिया में जाकर सफाई की फोटो क्लिक करनी होगी और इसे निगम के वार रूम में भेजना होगा। जिसका पूरा रिकॉर्ड बनाया जाएगा, जिसकी हर सप्ताह समीक्षा भी होगी। जिससे यह आसानी से पता लगे कि किस एरिया में किस दिन सफाई नहीं हुई।

तैयार होगी लिस्ट

निगम की ओर से ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट बनवाई जाएगी, जो नियमित रूप से अपने कार्यक्षेत्र में सफाई नहीं करते हैं। इसके साथ ही ऐसे सफाई कर्मियों की भी लिस्ट बनेगी, जो डेली अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं। निगम ऐसे कर्मचारियों को सम्मानित करेगा, वहीं लापरवाह कर्मचारियों की काउंसलिंग कर स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया जाएगा। अगर इसके बाद भी लापरवाही होती है तो संबंधित कर्मचारी पर एक्शन लिया जाएगा।

पुराने एरिया पर ज्यादा फोकस

निगम की ओर से शहर के पुराने एरिया में ज्यादा फोकस किया जा रहा है। वजह यह है कि सफाई न होने की ज्यादातर शिकायतें इन्हीं एरिया से आती हैं। पुराने एरिया में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जोनल अधिकारियों के साथ-साथ अपर नगर आयुक्तों को जिम्मेदारी दी गई है।

बाक्स

स्वच्छता सवेर्क्षण 2020

जनवरी के पहले सप्ताह में स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के शुरू होने की संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए ही निगम प्रशासन ने अपना पूरा फोकस सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने में कर दिया है। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था को भी बेहतर बनाने के लिए नियमित रूप से होमवर्क किया जा रहा है।

वर्जन

गलियों में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस कदम की नियमित मॉनीटरिंग भी की जाएगी।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त