नई दिल्ली (आईएएनएस)। सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार नगर लिमिटेड (बीएसएनएल) ने अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) पेश की है। बीएसएनएल ने अपने सर्कल प्रमुखों को सभी अधिकारियों तक इस स्कीम को पहुंचाने के लिए कहा है। कंपनी ने अपने सर्कल प्रमुखों से बातचीत में कहा, 'केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुपालन में और दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा अवगत कराया गया है कि बीएसएनएल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना 2019 सभी अधिकारियों को प्रसारित की जा रही है, कर्मचारियों को विकल्प के रूप इस स्कीम को चुनने के लिए आमत्रित किया गया है।'

सभी अधिकारियों को दी जाएगी जानकारी

बीएसएनएल ने कहा, 'स्कीम के तहत स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पाने के विकल्प 4 नवंबर से 3 दिसंबर तक खुले रहेंगे और इस योजना के तहत स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की प्रभावी तिथि 31 जनवरी, 2020 होगी।' बीएसएनएल ने अपने बड़े कर्मचारियों को इस योजना का प्रचार करने का निर्देश दिया है ताकि भारी संख्या में कर्मचारी रिटायरमेंट का विकल्प चुनकर कंपनी में निर्धारित समय सीमा के भीतर इस स्कीम का लाभ उठा सकें। सभी सर्कल को ओपन हाउस सेशन आयोजित करने हैं ताकि कर्मचारियों को इस योजना के बारे में अधिकतम जानकारी प्रदान की जा सके। माना जा रहा है कि इससे वह अपने रिटायरमेंट के निर्णय के बारे में गंभीरता से सोच सकेंगे। इसके अलावा एक स्कीम की मुख्य विशेषताओं को उजागर करने के लिए बिलबोर्ड की भी व्यवस्था की जानी है।

स्कीम से कर्मचारियों को फायदा

बता दें कि जिन नियमित व स्थायी कर्मचारियों की उम्र 50 साल या इससे अधिक हो, वह वीआरएस का विकल्प चुन सकते हैं। वीआरएस के तहत, 53.5 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों को उनके वेतन का 125 प्रतिशत मिलेगा, जो वे अपनी सेवा की शेष अवधि में कमाई कर सकते हैं। इसके अलावा 50 से 53.5 साल के आयु वाले कर्मचारियों को उनके उतने वेतन का 80 से 100 प्रतिशत तक भुगतान किया जाएगा, जिसे वह अपनी सर्विस की शेष अवधि में हासिल कर सकते हैं। वीआरएस का चयन करने पर 55 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों की पेंशन तभी शुरू की जाएगी जब वे 60 साल पूरा कर लेंगे।

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घाटे में चल रही है कंपनी

दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल ही में बीएसएनएल से वीआरएस पर अपने कर्मचारियों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए कहा था और बेहतर प्रतिक्रिया के लिए इसे अच्छी तरह से पेश करने का सुझाव दिया था। बता दें कि वीआरएस की सफलता बीएसएनएल के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है, कंपनी में 1.75 लाख लोग काम करते हैं और कंपनी के राजस्व का 75 प्रतिशत हिस्सा लोगों को सैलरी देने में खर्च हो जाता है। बीएसएनएल पिछले 10 वर्षों से घाटे में चल रहा है और 2018-19 में इसको 14,300 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है।

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