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LUCKNOW : बसपा अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को ट्विटर के जरिए कहा कि मोदी सरकार चुनाव हार रही है। सरकार की नैया डूब रही है। इसका जीता-जागता प्रमाण यह है कि आरएसएस ने भी इनका साथ छोड़ दिया है। इनकी वादाखिलाफी से जनविरोध को देखते हुए स्वयंसेवक झोला लेकर चुनाव में कहीं मेहनत करते नहीं नजर आ रहे जिससे मोदी के पसीने छूट रहे हैं। मायावती ने चुनाव आयोग को भी सलाह देते हुए लिखा कि किसी भी उम्मीदवार को आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में प्रचार के लिए बैन करने के दौरान यदि वह मंदिर आदि में जाकर पूजा-पाठ करता है तो उसे मीडिया में प्रचारित करने पर रोक लगनी चाहिए। दरअसल रोड शो व जगह-जगह पूजा-पाठ एक नया चुनावी फैशन बन गया है। आयोग द्वारा उस खर्चे को प्रत्याशी के खर्च में शामिल करना चाहिये। यदि किसी पार्टी द्वारा उम्मीदवार के समर्थन में रोड शो आदि किया जाता है तो उसे भी पार्टी खर्च में शामिल किया जाना चाहिये।

सहानुभूति के लिए अपना रहे हथकंडे

कल गोरखपुर में अपनी रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अब देश की जनता नमो-नमो की छुट्टी कर चुकी है और जय भीम लाने वाली है। अपनी बातें रखते हुए मायावती ने कहा कि गठबंधन तोड़ने के लिए विपक्षी भ्रम फैला रहे हैं। उन्हें मैं बता देना चाहती हूं कि यह मजबूत और टिकाऊ गठबंधन है। मायावती ने कहा कि छह चरणों के चुनाव के बाद बीजेपी की नींद उड़ गई है। उनके ढीले, लटके और मुरझाए चेहरों को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पीएम सहानुभूति के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। कभी अपनी जाति बता रहे हैं तो कभी खुद को गरीब बता रहे हैं। पांच साल तक गरीबों को लूटने के बाद फकीर होने का नाटक कर रहे हैं। राजनीतिक लाभ के लिए वह अति पिछड़े बन गए।