- पारिवारिक कारणों के चलते स्वयं हुआ था मेरठ से गायब

- चार दिनों की छानबीन के बाद पुलिस ने किया खुलासा

Meerut: चार दिन से मेरठ पुलिस के लिए सिरदर्द बने आरिफ अपहरण कांड से शनिवार को खुलासा हो गया। एसएसपी जे। रविन्द्र गौड़ ने पुलिस लाइन में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि आरिफ को पानीपत से बरामद कर लिया है। उन्होंने बताया कि पारिवारिक परेशानी और आर्थिक तनाव के चलते आरिफ खुद ही मेरठ से चला गया था। इसके बाद समाचार पत्रों में लगातार मामले को सुर्खियां बनते देख उसने खुद को फंसता देखा तो पानीपत पहुंचकर परिजनों को कॉल करके अपने अपहरण की बात कहकर बरगलाया। मेरठ पुलिस की टीम ने पानीपत पहुंचकर आरिफ से पूछताछ की तो उसका झूठ सामने आ गया।

ये था मामला

शनिवार को पुलिस लाइन में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसएसपी जे। रविन्द्र गौड़ ने आरिफ को मीडिया के सामने पेश किया। उन्होंने बताया कि बीती 12 जुलाई को कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के बाइपास पर डाबका के निकट पुलिस को एक लावारिस स्कार्पियो बरामद हुई थी। देर रात पता लगा कि यह गाड़ी बुढ़ाना के बसपा प्रत्याशी आरिफ की है।

लगाए 125 पुलिसकर्मी

आरिफ का परिवार दिल्ली में रहता है और उसे बसपा से बुढ़ाना का विधानसभा प्रत्याशी घोषित किया गया है। कार के अंदर से पुलिस को आरिफ का मोबाइल भी बरामद हुआ। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और क्राइम ब्रांच की 21 टीमों को खुलासे के लिए लगाया गया, जिसमे लगभग 125 पुलिसकर्मी शामिल रहे।

अपहरण की कहानी झूठी

उन्होंने बताया कि आरिफ ने शुक्रवार देर रात अपने परिजनों को पानीपत से कॉल करके बताया कि उसका अपहरण कर लिया गया था और वह अपहरणकर्ताओं के चंगुल से आजाद होकर कॉल कर रहा है। इसके बाद मेरठ पुलिस की टीम आरिफ को लेने के लिए पानीपत रवाना हो गई। पानीपत में आरिफ से की गई पूछताछ में उसने बताया कि पारिवारिक कारण और आर्थिक परेशानी के चलते उसने खुद को गायब करने का प्लान बनाया था।

ऐसे बनाया प्लान

इसी के चलते बीती 12 जुलाई को वह दिल्ली से अकेला बुढ़ाना के लिए रवाना हुआ। मेरठ बाइपास पर अपनी स्कार्पियो खड़ी करने के बाद वह ऑटो से कुछ दूर गया और वहां से बस पकड़कर दिल्ली के कश्मीरी गेट पहुंचा। दिल्ली से मनाली की बस पकड़कर मनाली गया और वहां आनंद होटल में रुका। इस दौरान वह समाचार पत्रों और चैनलों में अपने अपहरण का समाचार भी देखता रहा।

पुलिस को था शक

इसी बीच जब उसने मामला बिगड़ता देखा तो खुद को फंसता देख वह शुक्रवार को हिमाचल रोडवेज की बस से दिल्ली के लिए वापस लौट रहा था। इसी दौरान कुल्लु में बस खराब हो गई, जिसके बाद दूसरी बस से चंडीगढ़ और वहां से उत्तराखंड रोडवेज की बस में सवार होकर पानीपत पहुंचा और परिजनों को कॉल करके अपने अपहरण की कहानी सुनाई। एसएसपी ने बताया कि इस मामले में पुलिस को पहले से आरिफ पर शक था, इसलिए परिजनों या जानकारों को पुलिस की गतिविधियों की जानकारी से दूर रखा गया।

समर्थकों का लगा तांता

जैसे ही बसपा प्रत्याशी की बरामदगी की जानकारी उसके समर्थकों को लगी, तो गाडि़यों व टै्रक्टर-ट्रौली में भरकर सैकड़ों लोग पुलिस कार्यालय पर पहुंचे। उन्होंने आरिफ की बरामदगी पर हर्ष व्यक्त किया, साथ ही रोष भी प्रकट किया कि उसने ऐसी नादानी क्यों की। आरिफ के गायब होने के बाद से समर्थकों व उसके परिजनों का बुरा हाल था।

कहीं कट न जाए टिकट

अखबारों के माध्यम से पार्टी हाईकमान तक आरिफ की गतिविधियों की पूरी खबर है। अब राजनितिक गलियारों में ये भी चर्चा है कि बसपा सुप्रीमों आरिफ का टिकट काटने का मन बना चुकी है। हालाकि अधिकारिक रूप से अभी कोई नेता कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

----