-नगर क्षेत्र के स्कूलों में टीचर्स की भारी कमी

-इंग्लिश मीडियम स्कूल को टक्कर देने का दावा फेल

GORAKHPUR: हर कोई एजुकेटड हो इसके लिए शासन की तरफ से हर बार नया प्लान आता रहता है। लेकिन जिम्मेदारों की सुस्ती से वो सक्सेज नहीं हो पाता है। हालत ये है कि गोरखपुर शहर के गवर्नमेंट स्कूल इंग्लिश मीडियम स्कूलों को टक्कर देंगे ऐसा दावा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने किया था। जो हवा हो गया। बीते 9 साल में शहर के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल केवल दो या तीन टीचर्स के भरोसे चल रहा है। इन स्कूलों में आज तक टीचर्स की संख्या पूरी नहीं हो सकी है। जबकि बच्चों की संख्या 80 से 100 के बीच में है। यही नहीं टीचर्स की कमी को ट्रेनर से पूरा किया जा रहा है। अब बीटीसी ट्रेनर के भरोसे बच्चों की भविष्य है। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये बच्चे आगे चलकर इंग्लिश मीडियम स्कूलों के बच्चों को कितनी टक्कर देंगे।

शहर में स्थित हैं 79 स्कूल

गोरखपुर शहर एरिया में 79 स्कूल स्थित है। जिसको हाइटेक बनाने के लिए शासन लगातार प्रयास कर रहा है। शहर के स्कूलों की हालत भी पहले की अपेक्षा काफी सुधरी है इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है। स्कूलों की स्थिती सुधरी इस कारण बच्चे भी इसमे तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन टीचर्स की कमी बच्चों को जिनियस बनाने में रोढ़ा पैदा कर रही है। इसे ट्रेनर से नहीं दूर किया जा सकता है। लेकिन इस बारे में शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि ये शहर के स्कूलों में नई नियुक्ती शासन के रोक के कारण ही नहीं हो पा रही है।

तीन स्कूलों की पड़ताल

बुधवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने शहर की स्कूलों की पड़ताल की। टीम सबसे पहले पुलिस लाइंस स्थित प्राथमिक विद्यालय में पहुंची। वहां दो ट्रेनर अलग-अलग कमरे में बच्चों को पढ़ा रही थीं। स्कूल की प्रधानाध्यापक से बात की तो पता चला कि 75 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इनके लिए केवल यहां पर दो ही टीचर्स तैनात हैं। बीच-बीच में ट्रेनर को एक दो महिने के लिए भेज दिया जाता है। बच्चों को संभालने में बहुत परेशानी होती है।

कैसे संभाले बच्चे

इसी तरह टीम हजारीपुर स्थित माध्यमिक विद्यालय पर पहुंची। वहां पर प्रधानाध्यापक समेत दो टीचर्स छुट्टी पर गई थीं। एक सहायक टीचर्स के भरोसे स्कूल चल रहा था। सहायक टीचर्स से बातचीत में पता चला कि स्कूल में 85 बच्चे पढ़ाई करते हैं और इनके लिए केवल एक प्रधानाध्यापक और 2 सहायक टीचर्स यहां तैनात हैं। टीचर्स की वजह से बच्चों की पढ़ाई केवल खानापूर्ति बनकर रह गई है।

100 और ट्रेनर को भेजने की तैयारी

शहर एरिया के कई स्कूलों में तो ट्रेनर भी नहीं है। जिसकी वजह से एक या दो टीचर्स सारी बागडोर संभाले हुए हैं। शहर में वर्तमान में 50 ट्रेनर अलग-अलग स्कूलों में लगाए गए हैं। नगर शिक्षा अधिकारी ने बताया कि एक दो दिन में 100 नए बीटीसी ट्रेनर को स्कूलों में तैनात किया जाएगा। इससे टीचर्स की कमी कुछ हद तक पूरी होगी।

वर्जन-

शासनादेश की वजह से शहर के स्कूलों में नए टीचर्स की नियुक्ति पर रोक लगी हुई है। डायट और सेंट जोसेफ कॉलेज के करीब 100 बीटीसी ट्रेनर को शहर के स्कूलों में लगाया जाएगा।

ब्रह्मचारी शर्मा, नगर शिक्षा अधिकारी