Buddha Purnima 2020 : बुद्ध पूर्णिमा इस वर्ष 7 मई को मनाई जाएगी। भगवान गौतम बुद्ध का नाम जन्म के बाद सिद्धार्थ गौतम रखा गया था। आगे चल कर वे गौतम बुद्ध के नाम से जाने गए और एक आध्यात्मिक गुरु के रुप में उभरे। बाद में उन्हीं दी हुई शिक्षा और उपदेशों से बौद्ध धर्म की स्थापना हुई थी। गौतम बुद्ध के जन्म से लेकर मृत्यु तक कई बातों में मतभेद हैं। अतः उनकी जन्मतिथि अनिश्चित है। हालांकि अधिकांश इतिहासकारों ने बुद्ध के जीवनकाल को 563- 483 ईशा पूर्व के मध्य माना है। ज्यादातर लोग नेपाल के लुम्बिनी नामक स्थान को बुद्ध का जन्म स्थान मानते हैं। मान्यता है कि भगवान बुद्ध की मृत्यु उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 80 वर्ष की आयु में हुई थी।

पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त व तिथि

इस वर्ष पूर्णिमा 6 मई 7:44 बजे शाम से लग रही है और ये 7 मई 4:14 बजे शाम तक रहेगी। उदयातिथि होने की वजह से पूर्णिमा का व्रत व पूजन 7 मई को किया जाएगा। बौद्ध धर्म के श्रद्धालुओं के लिए बोध गया नामक स्थान पवित्र तीर्थस्थल है। कहते हैं कि गौतम बुद्ध के जीवन में इस जगह का गहरा संबंध है।इसलिए ये बौद्ध श्रद्धालुओं का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। बोधगया के अतिरिक्त, कुशीनगर, लुम्बिनी तथा सारनाथ भी बौद्धों के अन्य तीन पवित्र तीर्थस्थल हैं। यह माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने बोधगया में ज्ञान प्राप्त किया तथा उन्होंने पहली बार सारनाथ में धर्म की शिक्षा दी थी। यह माना जाता है कि गौतम बुद्ध को इसी दिन आत्मज्ञान प्राप्त हुआ था। बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयन्ती तथा वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

भगवान बुद्ध विष्णु का 9वां अवतार

दृग पंचांग की मानें तो उत्तर भारत में बुद्ध को भगवान विष्णु का 9वां अवतार तथा भगवान कृष्ण को 8वां अवतार माना जाता है। हालांकि दक्षिण भारतीय मान्यता में बुद्ध को कभी भी विष्णु का अवतार नहीं माना गया है। वहीं दक्षिण भारत में बलराम को भगवान विष्णु का 8वां अवतार तथा कृष्ण को 9वें अवतार का रूप माना जाता है। बलराम को वैष्णव आन्दोलनों के बहुमत द्वारा विष्णु के अवतार के रूप में गिना जाता है। यहाँ तक कि, बौद्ध भी बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार नहीं मानते हैं।