देहरादून, दून की सड़कों से अतिक्रमण हटने के बाद अब ऊर्जा निगम बजट न मिलने के कारण ब्रेक खड़ा लग गया है। अतिक्रमण हटने के बाद अब शहर की अधिकतर सड़कों के किनारे व फुटपाथों में बड़े-छोटे ट्रांसफॉर्मर और बिजली के पोल नजर आ रहे हैं। इन पोल व ट्रांसफॉर्मर को शिफ्ट करने के लिए करोड़ों रुपए के बजट की जरूरत बताई गई है। ऐसे में अब सबकी निगाहें ऊर्जा निगम पर टिकी हुई हैं। बताया जा रहा है कि बीते वर्ष ऊर्जा निगम ने अतिक्रमण हटने के बाद करीब 13 करोड़ रुपए का आकलन पीडब्ल्यूडी को सौंपा था, वह अमाउंट अब तक नहीं मिल पाई है।

ऊर्जा निगम ने नहीं किया पेमेंट

हाईकोर्ट के निर्देश पर पिछले वर्ष अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था। इस वर्ष फिर से 5 सितंबर से लगातार अतिक्रमण हटाया जा रहा है। अब तक सैकड़ों अतिक्रमण ध्वस्त किए जाने के साथ ही सैकड़ों सीलिंग के नोटिस जारी हो चुके हैं। लेकिन अतिक्रमण हटने के बाद खाली हो चुकी सड़कें और फुटपाथ पर अब यूपीसीएल के बिजली के पोल व ट्रांसफॉर्मर ही नजर आ रहे हैं। कई इलाकों में फुटपाथ के बीचोंबीच ऊर्जा निगम के ट्रांसफॉर्मर न केवल चलने के में बाधा बने हुए हैं, बल्कि राहगीरों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। ऊर्जा निगम के अधिकारियों के अनुसार गत वर्ष शासन के निर्देशानुसार अतिक्रमण हटने के बाद सड़कों के किनारे जिन बिजली के पोल व ट्रांसफॉर्मर को हटाया जाना था। इसके लिए पीडब्ल्यूडी से करीब 13 करोड़ रुपए का एस्टीमेट सौंपा गया था। यह पेमेंट अब तक नहीं दी गई है। ऊर्जा निगम के एसई शैलेंद्र सिंह ने कहा है कि पीडब्ल्यूडी की ओर से यह धनराशि ऊर्जा निगम को दी जानी थी।

अब अमाउंट दो गुनी

इस वर्ष भी अतिक्रमण हटने के बाद कई इलाकों में सड़कें चौड़ी हो चुकी हैं। ऐसे में अब इन सड़कों के किनारे बिजली के पोल व ट्रांसफॉर्मर शिफ्ट किए जाने हैं। इसमें खासकर राजपुर के इलाके शामिल है। ऊर्जा निगम के स्पोकपरसन व चीफ इंजीनियर एके सिंह का कहना है कि अतिक्रमण हटने के बाद दोबारा पीडब्ल्यूडी व यूपीसीएल के अधिकारियों के जरिए ज्वाइंट सर्वे होगा। इसके बाद गत वर्ष और इस वर्ष के पोल व ट्रांसफॉर्मर शिफ्िटग के लिए आने वाले खर्च का एस्टीमेट पीडब्ल्यूडी को सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका फैसला शासन की ओर से होना है। पिछले साल और इस बार के पोल व ट्रांसफॉर्मर शिफ्टिंग में अमाउंट में दोगुनी हो सकती है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार बिजली के 500 से ज्यादा पोल शिफ्ट किये जाने हैं। इनके शिफ्टिंग में ट्रांसफॉर्मर शिफ्टिंग से ज्यादा खर्चा आने की संभावना है।

कनक चौक पर जमा होंगे बिल

सैटरडे को राजपुर रोड दिलाराम चौक से पहले अंग्रेजों के जमाने का यूपीसीएल का एसडीओ दफ्तर अतिक्रमण के भेंट चढ़ने के बाद इस ऑफिस से जुड़े करीब 10 हजार कंज्यूमर्स को राहत मिलने के आसार हैं। एसई शैलेंद्र सिंह का कहना है कि जब तक नया एसडीओ ऑफिस नहीं बन जाता, तब तक हाथीबड़कला एसडीओ ऑफिस से जुड़े सभी कंज्यूमर्स को दो जगहों पर बिल जमा करने व नए कनेक्शन जैसे कार्यो के की सुविधा दी जाएगी। इसमें कुछ कंज्यूमर्स परेड ग्राउंड के पास कनक चौक व अन्य उपभोक्ता राजपुर रोड अकेता होटल के पास अपने बिल जमा कर पाएंगे।