काम पूरे न करने के कारण एडीबी को देना पड़ा 70 लाख चेक

इस राशि में एडीबी के अधूरे कामों को पूरा करेगा जल संस्थान

देहरादून।

जल संस्थान और एडीबी वाटर व‌र्क्स और वाटर सप्लाई को लेकर लापरवाह हैं, इसके उदाहरण अक्सर सामने आते रहते हैं। ताजा मामला 70 लाख रुपये के एक चेक है। दरअसल एडीबी ने कुछ वाटर व‌र्क्स अधूरे छोड़ दिये थे। जल संस्थान ने इन कार्यो को टेकओवर करने से इंकार कर दिया तो एडीबी ने जल संस्थान को 70 लाख रुपये का चेक थमा दिया। इधर, जल संस्थान ने इस राशि ने एडीबी के अधूरे काम पूरा करने के बजाय यह पैसा अपनी बिल्डिंग चमकाने पर खर्च कर दिया। बिल्डिंग के रंग-रोगन के साथ ही कुर्सियों के कवर भी यहां बदले जा रहे हैं।

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एडीबी के अधूरे काम

पटेलनगर, आईएसबीटी, सहारनपुर रोड के इलाकों में एडीबी द्वारा पाइप लाइन पूरी तरह से न जोड़ने की शिकायत आई थी। कहीं सीवर तो कहीं पेयजल लाइनों में एडीबी की ओर से लापरवाही बरती गई थी। कहीं लाइनों में मलबा छोड़ दिया गया तो कहीं पाइप के बीच ज्वाइंट ही नहीं लगे। कई लाइनों का ट्रायल तक नहीं किया गया। आखिरकार जब योजनाएं जल संस्थान को हैंडओवर करने की बारी आई तो विभाग की ओर से किए गए ट्रायल में एडीबी की सभी कमियां सामने आ गई। ऐसे में जल संस्थान ने इन अधूरी योजनाओं को लेने से मना कर दिया।

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अब आगे के काम

एडीबी की ओर से किए गए काम जल संस्थान की ओर से नहीं लिए जा रहे थे। ऐसे में एडीबी को अगला लोन मिलने में दिक्कत हो रही थी। संस्थान की ओर से एडीबी को सभी विकास कार्यो को सही तरीके से पूरा करने की बात कही गई थी। जिसके चलते मुख्यालय से लेकर सचिवालय तक लगातार मीटिंग की जा रही थी। बावजूद इसके जल संस्थान के अधिकारी नहीं माने। तब एडीबी की ओर से संस्थान को योजनाओं को पूरा करने के लिए चेक दिया गया।

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कर दिया व्हाइट वॉश

करीब 70 लाख रुपये का चेक मिलने के बाद जल संस्थान की ओर से कुछ जगहों पर ही इससे काम कराए गए। इस राशि का बड़ा हिस्सा वाटर व‌र्क्स बिल्डिंग में व्हाइट वॉश करने, कुर्सियों के रिनोवेशन, टाइल्स लगाने में खर्च कर दिया गया। कुछ जगहों पर टयूबवेल्स में एडीबी की ओर से क्लोरीन गैस लगा दी गई थी। इस पर भी जल संस्थान ने ऑब्जेक्शन किया। इसके बाद इन जगहों के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइड लाने को जल संस्थान को व्यवस्था करने को कहा गया। साथ ही संस्थान ने अपने क्षेत्रों के लिए सीवर चैंबर, पाइप लाइनों को भी इस बजट में एडजस्ट कर लिया।

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एडीबी की ओर से जल संस्थान को छूटे हुए कार्यो के लिए चैक दिया गया था। उससे ही सब काम किए जा रहे हैं।

नीलिमा गर्ग, जीएम, जल संस्थान